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नैरोबी : शंघाई मैराथन में 11वें स्थान पर रहीं केन्याई एथलीट सारा चेपचिरचिर को उनके एथलीट बायोलोजिकल पासपोर्ट में खामियां पाए जाने के बाद चार वर्ष के लिए निलंबित कर दिया गया है। एथलीट इंटेग्रिटी यूनिट ने जारी बयान में कहा, ‘केन्या की लंबी दूरी की धाविका सारा पर वर्ल्ड एथलेटिक्स डोपिंग रोधी नियमों के तहत चार वर्ष का बैन लगाया गया है जो 6 फरवरी से प्रभावी होगा।'

विश्व एथलेटिक्स अनुशासनात्मक प्राधिकरण ने सारा के 11 अप्रैल 2018 से निलंबन तक सभी स्पर्धाओं के परिणामों को रद्द करने का फैसला लिया है जिसमें उनका शंघाई मैराथन का परिणाम भी शामिल है। पिछले पांच वर्षों में केन्या के करीब 60 एथलीटों को डोपिंग रोधी नियमों के तहत निलंबित किया गया है। इसमें 17 साल की 800 मीटर धाविका एंजेला एनडुगवा मुंगाती, 2008 ओलंपिक के 1500 मीटर चैंपियन एसबेल किप्रोप, 2016 ओलंपिक मैराथन विजेता जेमिमा सुमोंग और पूर्व बॉस्टन एवं शिकागो मैराथन विजेता रीता जेपटू जैसे दिग्गज एथलीट भी शामिल हैं।

केन्या ने डोपिंग को रोकने के लिए इसे अब अपराध की श्रेणी में डालने का फैसला किया है। केन्या के अलावा यूक्रेन, वेनेजुएला तथा इथोपिया ने भी इसे ए श्रेणी में शामिल किया है। खेल सचिव अमीना मोहम्मद ने कहा कि 2020 के मध्य तक देश में डोपिंग को अपराध बनाने के लिये कानून लाया जाएगा। मौजूदा नियम के तहत केन्या में यदि कोई अधिकारी डोपिंग में सहयोग करने में दोषी पाया जाता है तो उसे तीन वर्ष तक सज़ा हो सकती है, लेकिन अभी एथलीटों को जेल की सजा का प्रावधान नहीं है। गौरतलब है कि वर्ष 2014 से अगस्त 2018 तक केन्या के 138 एथलीटों को वाडा ने डोपिंग का दोषी पाया है।