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मॉस्कोः फुटबाल की दुनिया में यूरोप का जादू इस कदर सिर चढ़कर बोल रहा है कि लगातार चौथी बार फीफा विश्वकप यूरोप के नाम रहेगा। इटली ने 2006 में , स्पेन ने चार साल बाद 2010 में और जर्मनी ने 2014 में विश्वकप खिताब जीते। इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुये रूस में चल रहे विश्वकप में इस बार यूरोप की कोई टीम ही विजेता बनेगी। रूस विश्वकप के सेमीफाइनल में फ्रांस और बेल्जियम पहुंच चुके हैं जबकि दो अन्य सेमीफाइनलिस्ट टीमों का फैसला यूरोप की चार टीमों इंग्लैंड और स्वीडन तथा रूस और क्रोएशिया के बीच मैचों से होगा।  

1998 में चैंपियन रहे फ्रांस ने क्वार्टरफाइनल में दक्षिण अमेरिकी टीम उरूग्वे को 2-0 से और बेल्जियम ने पांच बार के विश्व चैंपियन ब्राजील को 2-1 से पराजित किया है। उरूग्वे और ब्राजील की हार के साथ दक्षिण अमेरिका की दो टीमें बाहर हो गईं और अब मुकाबला यूरोपीय टीमों के बीच सिमट कर रह गया है। 2006 के बाद यह पहला मौका है जब विश्वकप में आल यूरोपियन सेमीफाइनल लाइनअप रहेगी। 2006 में इटली, फ्रांस, जर्मनी और पुर्तगाल सेमीफाइनल में पहुंचे थे। चार साल पहले ब्राजील में हुये विश्वकप में यूरोप से दो टीमें जर्मनी और हॉलैंड तथा दक्षिण अमेरिका से दो टीमें अर्जेंटीना और ब्राजील सेमीफाइनल में थीं जबकि 2010 के विश्वकप में यूरोप से तीन टीमें स्पेन, हॉलैंड और जर्मनी तथा दक्षिण अमेरिका से उरूग्वे सेमीफाइनल में थीं। 

शीर्ष 32 टीमों में 20 स्थान यूरोप के पास
रूस विश्वकप में उतरी 32 टीमों में 14 स्थान यूरोप के पास थे जो कुल टीमों का 44 फीसदी हिस्सा था। फीफा रैंकिंग में शीर्ष 32 टीमों में 20 स्थान यूरोप के पास हैं। इस विश्वकप में राउंड-16 में पहुंची 16 टीमों में 10 टीमें यूरोप से, क्वार्टरफाइनल में पहुंची आठ टीमों में छह यूरोप से और सेमीफाइनल की चार टीमें यूरोप से रहेंगी।   1982 के विश्वकप में सेमीफाइनल राउंड को फिर से बहाल किये जाने के बाद 40 टीमें अंतिम-4 में शामिल रही हैं और इन में से 31 अकेले यूरोप से हैं।

दक्षिण अमेरिका से आठ और 2002 के सह मेजबान एशियाई टीम दक्षिण कोरिया बाकी अन्य टीमें हैं। अफ्रीका से कभी कोई टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंची है और रूस में अफ्रीका से पांच टीमें उतरी थीं जिनमें से कोई भी ग्रुप चरण से आगे नहीं जा सका है। एशिया से उतरी पांच टीमों में केवल जापान ही राउंड-16 में पहुंचा जहां उसे बेल्जियम से हार का सामना करना पड़ा।  विश्वकप का अंतिम परिणाम चाहे कुछ भी रहे लेकिन 15 जुलाई को मॉस्को के लुजनिकी स्टेडियम में यूरोप की एक टीम विश्व खिताब अपने नाम करेगी।