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जालन्धर : फीफा विश्व कप के दौरान कई ऐसी घटनाएं हुईं जिसने बरबस फुटबॉल फैंस का ध्यान अपनी ओर खींचा। कई नई चीजों की शुरुआत हुुई तो कइयों ने चौकाया। विश्व कप के दौरान विश्व मीडिया का सबसे ज्यादा ध्यान जापानी खिलाडिय़ों ने खींचा। पहले तो जापान ने पहली बार प्री-क्वार्टरफाइनल तक जगह बनाई। फिर अपने व्यवहार से दिल जीत ले गए। पढ़ें टॉप 5 वायरल स्टोरी।

ईरान में महिलाओं को मिली मैच देखने की आजादी
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यह फीफा विश्व ही नहीं बल्कि दुनिया भर के लिए बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है। पहली बार ईरान में महिलाओं को पुरुषों के साथ फुटबॉल मैच देखने की आजादी दी गई। इस फैसले से ईरान में एक नए युग की शुरुआत हो गई। बता दें कि धार्मिक कट्टरता के लिए दुनिया भर में मशहूर र्ईरान ने महिलाओं पर स्टेडियम में जाकर मैच देखने पर बैन लगाया था।

जापानियों ने जीता दिल
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जापान के खिलाडिय़ों ने विश्व कप में चलते उलटफेर के दौर को जारी रखते हुए मजबूत कोलंबिया को पहली ही मैच में 2-1 से हरा दिया था। मजबूत डिफैंस और टेकल की बेहतरीन उदाहरणें देते हुए जापानी खिलाडिय़ों ने अपने व्यवहार से भी फैंस का दिल जीता। वहीं, स्टेडियम में मौजूद जापान के फैंस ने हर मैच के खत्म होने के बाद स्टेडियम में सफाई कर नई मिसाल पैदा की। जापानी प्लेयर्स ने भी अपने फैंस की तरह बैल्जियम के खिलाफ महत्वपूर्ण मैच में हार के बाद पहले अपना लॉकर रूम पूरी तरह साफ किया। फिर वहां अलमारी में थैक्य यू की चिट भी रखकर गए। बता दें कि सेनेगल और मोरक्को टीम के फैंस ने भी फुटबॉल फैंस को चौकाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सेनेगल और मोरक्को के फैंस ने भी जापानी फैंस के बराबर स्टेडियम में सफाई की थी। 

स्टेडियम में था 18 और 88 नंबर की जर्सी पहनना बैन
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रूस के स्टेडियम में इस बार 18 और 88 नंबर की जर्सी पहनने पर पूर्णत: रोक लगाई गई। इस संबंधी रशियन पुलिस को एक सीक्रेट कोड बुक भी दी गई थी जिसमें दुनिया भर के विरोधी ग्रुपों के सिंबल हैं। पुलिस का ताकीद है कि अगर किसी फैंस के पास टी-शर्ट या स्लोगन के रूप में उक्त बैन किए गए लोगो हैं तो उन्हें स्टेडियम में घुसने न दिया जाए। जैसे कि स्टेडियम में दर्शकों द्वारा 18 नंबर की जर्सी पहनने पर मनाही है। इसे अंग्रेजी के पहले और आठवें अक्षर यानी ए और एच (एडोल्फ हिटलर) समझा जाता है। इसी तरह 88 नंबर को भी ‘हेल हिटलर’ के रूप में देखा जाता है।

देसी चाय हुई मशहूर 
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विश्व कप के दौरान अर्जेंटीना के मैसी और उरुग्वे के सुआरेज देसी चाय पीते नजर आए। देखते-देखते यह देसी चाय विश्व भर में हिट हो गई। रूस में वहां की संस्कृति दर्शाने के लिए लोग देसी चाय से मेहमान का स्वागत करते हैं। मिंट से बनी इस चाय में जड़ी बूटियों का इस्तेमाल होता है। यह ठंडी होती है। 

होटल में बजा एमरमैंसी अलार्म
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फ्रांस की टीम जिस होटल में रुकी थी। वहां अलसुबह अलार्म बज गया। आनन-फानन में पूरी टीम को होटल से बाहर आना पड़ा। इससे फ्रांस की टीम सो भी नहीं पाई। बता दें कि जिस दिन की यह घटना है उसी दिन फ्रांस का महत्वपूर्ण मैच होना था। हालांकि फ्रांस के खिलाडिय़ों ने अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर यह मैच जीत लिया।