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दोहा: बुकायो साका और मार्कस रशफोर्ड ने पिछले साल यूरोपीय चैम्पियनशिप के फाइनल की निराशा को पीछे छोड़ते हुए फीफा विश्व कप में सोमवार को ईरान के खिलाफ  इंग्लैंड को 6-2 से बड़ी जीत दिलाने में अहम भूमिका निभायी। दोनों खिलाड़ी इटली के खिलाफ यूरो 2020 के फाइनल में शूटआउट में  पेनाल्टी से चूक गए थे और इसके बाद उन्हें नस्लवादी टिप्पणियों का सामना करना पडा था।  साका ने इस घटना के लगभग एक साल के बाद यहां के खलीफा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में दो गोल दागे जबकि स्थानापन्न खिलाड़ी के तौर पर मैदान पर उतरे रशफोर्ड ने एक गोल किया। 

टीम के इस प्रदर्शन से कोच गैरेथ साउथगेट की टीम का मनोबल काफी बढ़ेगा। डिजिटल टिकट के साथ  समस्या के कारण सैकड़ों प्रशंसकों  मैच के शुरुआती क्षणों को नहीं देख सके। इंग्लैंड ने हालांकि इन दर्शकों के स्टेडियम पहुंचने के बाद अपना दमदार खेल दिखाना शुरू किया। जुड बेलिंघम ने 35वें मिनट में पहला गोल किया। यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय गोल है। साका ने मैच के 43वें मिनट जबकि रहीम स्टर्लिंग ने मध्यांतर से पहले गोलकर टीम की बढ़त को 3-0 कर दिया। इंग्लैंड का दबदबा दूसरे हाफ में भी जारी रहा। साका ने मैच के 62वें मिनट में अपना दूसरा गोल किया जिससे इंग्लैंड की बढ़त 4-0 हो गयी इसके तीन मिनट बाद मेहदी तारेमी के गोल से ईरान ने अपना खाता खोला। 

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ईरान की यह खुशी हालांकि ज्यादा देर तक नहीं रहीं क्योंकि रशफोर्ड ने 71वें गोलकर एक बार फिर इंग्लैंड की बढ़त को चार गोल (5-1) का दिया। टीम के एक अन्य स्थानापन्न खिलाड़ी जैक ग्रेलीश ने 90वें मिनट में गोलकर इंग्लैंड की बड़ी जीत पर मुहर लगा दी। तारेमी ने दूसरे हाफ के स्टॉपेज समय (90+13 मिनट) में  गोलकर हार के अंतर को कम किया। मैच के पहले हाफ में ईरान के गोलकीपर अली बीरनवंद टीम के साथी खिलाड़ी से गंभीर रूप से टकरा गये। उन्हें इसके बाद स्ट्रेचर की मदद से मैदान से बाहर ले जाया गया। उस समय मैच गोलरहित था। मैदान में उनकी जगह उतरे हुसैन होसैनी इंग्लैंड के आक्रमण को रोकने में विफल रहे। इस मैच में कुल 29 मिनट का इंजरी समय था, जिसमें पहले हाफ में 15 मिनट और दूसरे हाफ में 14 मिनट शामिल है।