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पानीपत : भाला फेंक के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा की टोक्यो ओलंपिक में स्वर्णिम सफलता में उनकी प्रतिबद्धता, अनुशासन और कड़ी मेहनत के अलावा परिवार के मजबूत समर्थन ने भी अहम भूमिका निभाई। नीरज ने शनिवार को एथलेटिक्स में भारत के लिए ओलंपिक का पहला स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। वह व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं। चोपड़ा के पिता सतीश चोपड़ा ने भी अपने बेटे की उपलब्धि के पीछे परिवार के समर्थन को श्रेय दिया। 

उन्होंने कहा कि जब किसी का बच्चा सफलता हासिल करता है और देश का नाम रोशन करता है तो माता पिता और पूरे परिवार की खुशियां शब्दों में बयां नहीं की जा सकती है। हम संयुक्त परिवार में रहते हैं और हम चार भाई हैं। इस मामले में नीरज भाग्यशाली रहा कि उसे पूरे परिवार का समर्थन मिला जिन्होंने लगातार उसको प्रेरित किया। इस स्टार एथलीट की मां सरोज ने कहा कि आज वह हर किसी की उम्मीदों पर खरा उतरा और भारत का गौरव बढ़ाया। चोपड़ा के करियर में अहम भूमिका निभाने वाले उनके चाचा भीम चोपड़ा ने अपने भाई की बातों से सहमति जताई।

उन्होंने कहा कि ईश्वर ने हमारी प्रार्थनाओं को सुन लिया। खिलाड़ी की कड़ी मेहनत और मजबूत दृढ़ संकल्प के साथ परिवार का समर्थन, लगातार उत्साहवर्धन करना और अच्छे जीवन संस्कार भी महत्वपूर्ण होते हैं। नीरज के पास ये सब हैं जिससे उसे अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद मिली। चोपड़ा के शनिवार को स्वर्ण पदक जीतने के बाद पानीपत जिले में स्थित उनके गांव खांद्रा में जश्न का माहौल बन गया।