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सेंचुरियन : भारतीय उपकप्तान लोकेश राहुल ने दक्षिण अफ्रीका से सेंचुरियन में पहला टेस्ट 113 रन से जीतने के बाद कहा कि नेट्स में मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज का सामना करना टेस्ट मैच में विरोधी गेंदबाजों का सामना करने से कहीं ज्यादा कठिन था। भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण विदेश में मिली? जीत में महत्वपूर्ण रहा है, जिसमें सेंचुरियन की यह जीत भी शामिल हैं, जहां पर मोहम्मद शमी ने 107 रन देते हुए मैच में कुल आठ विकेट हासिल किए। 

राहुल ने कहा, ‘उन्हें नेट्स में खेलना ज़्यादा मुश्किल है, खासकर मेरे लिए या बहुत सारे बल्लेबाजों के लिए जो नेट्स में बल्लेबाज़ी का उतना आनंद नहीं लेते हैं। इन लोगों ने हममें डर पैदा कर दिया है। जब हम नेट पर उनका सामना कर रहे होते हैं तो वे हमें टीम के साथी के रूप में बिल्कुल नहीं मानते हैं, वे बहुत प्रतिस्पर्धी गेंदबाज हैं और इसलिए हां, हम बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारी गेंदबाज़ी में ऐसी गुणवत्ता है। देखिए तो 2-3 अन्य गेंदबाज़ बाहर बैठे हैं, जिन्होंने खुद को साबित किया है और जो शानदार तेज़ गेंदबाज़ हैं? इशांत शर्मा और उमेश यादव। हमारे पास बड़ी बेंच स्ट्रेंथ है। 

सेंचूरियन पिच के बारे में राहुल सहित अन्य खिलाड़यिों ने यह अंदाजा लगाया था कि यह पिच शुरुआत में धीमी रहेगी और बाद में अपनी असमतल उछाल के कारण मुसीबत खड़ी करेगी। इसे ध्यान में रखते हुए राहुल ने कहा कि भारत ने महत्वपूर्ण टॉस जीता था। 2018 और 2019 के दौरान रनों से जूझने के बाद लोकेश राहुल को टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था। उस अवधि में 15 टेस्ट में उनका औसत 22.23 था, जिनमें अधिकतर विदेशी सरजमीं पर खेल गए थे। 

राहुल ने इस साल एक मजबूत वापसी की और पांच टेस्ट में 461 रन बनाए। लॉर्ड्स और सेंचूरियन में शतकों सहित 46.10 का औसत, जिसने भारत की यादगार जीत की कहानी लिखी। उन्होंने इस परिवर्तन के लिए मानसिकता में बदलाव को श्रेय दिया है, विशेष रूप से उन्होंने गेंद को ऑफ स्टंप के बाहर छोड़ने का आनंद लेना सीख लिया है। यही एक खास वजह है जिससे उनकी बल्लेबाज़ी में सुधार हुआ है।