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लंदन : इंग्लैंड की सीमित ओवर क्रिकेट टीम के कप्तान इयोन मोर्गन ने इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए चल रही प्रतिस्पर्धा का श्रेय टी-20 लीगों को दिया है। मोर्गन ने रविवार को यह पूछे जाने पर कि क्या वह मानते हैं कि इंग्लैंड की टी-20 टीम में जगह हासिल करने के लिए चल रही प्रतिस्पर्धा 2019 विश्व कप की तुलना में और कड़ी हो गई है, कहा कि हां, मैं इस बात से सहमत हूं और मुझे लगता है कि यह हमारे खिलाड़ियों के दुनिया भर की प्रतियोगिताओं में खेलने में सक्षम होने और उच्च मांग में होने के कारण है। यह सच में खिलाड़ियों के लिए किसी भी दबाव या अपेक्षा के स्तर से निपटने में उपयोगी है।

कप्तान ने कहा कि हमारे खिलाड़ी कई वर्षों से ऐसा कर रहे हैं, लेकिन खिलाड़ी एक अलग प्रारूप में खेल रहे हैं, जो चेन्नई से इंग्लैंड, मुंबई से इंग्लैंड और राजस्थान से इंग्लैंड में हस्तांतरणीय कौशल ला रहे हैं। समान प्रारूप में खेलने में वे बहुत सहज हैं। खिलाड़ियों के कौशल और अनुकूलन क्षमता से प्रसन्न हूं। अगर हर कोई फिट है तो मुझे नहीं लगता कि बहुत सारे स्पॉट बचे हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण समय है। हम 17 या 18 अनुभवी खिलाड़ियों के साथ काम कर रहे हैं। ‘द हंड्रेड' भी खिलाड़ी चयन के लिए एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट होगा। 

द हंड्रेड में खेलने वाले टायमल मिल्स जैसे ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो आसानी से चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं। वह एक उत्कृष्ट गेंदबाज हैं। हम हमेशा उनके साथ संवाद में रहे हैं और हम चाहते हैं कि वह फिट हो, जितना संभव हो उतना क्रिकेट खेलें और विश्व कप आने तक उन्हें अकेला छोड़ दें। उनके लिए ससेक्स के लिए खेलना साल भर छोटी-मोटी टी-20 श्रृंखला के लिए फिट होने की कोशिश करने से कहीं बेहतर है।

मॉर्गन ने डेविड विली और क्रिस वोक्स के बारे में कहा कि उन्होंने बेहद मजबूत दावेदारी पेश की है। हमने उनसे जो भी उम्मीद लगाई वह उस पर खरे उतरे। जब आप कुछ समय के लिए टीम में शामिल नहीं होते हैं तो दोबारा इसमें आना हमेशा मुश्किल होता है। शायद वोक्स के लिए विली की तुलना में टीम में आना मुश्किल है। विली पिछले साल से टीम में शामिल हैं, लेकिन एक बहुत ही मजबूत टीम में आने के साथ दबाव का एक स्तर होता है। मुझे लगता है कि दोनों ने अपने मौके का फायदा उठाया है। मुझे लगता है कि दोनों अलग-अलग चीजें पेश करते हैं। विली के पास बाएं हाथ से स्विंग एंगल है। विली और वोक्स दोनों नई गेंद से गेंदबाजी करते हैं, जो उनकी एकमात्र समानता है।

उल्लेखनीय है कि इंग्लैंड की टी-20 टीम में खिलाड़ियों का चयन इंग्लैंड टीम प्रबंधन के लिए समस्या भरा रहा है, जिससे सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं। इस टी-20 विश्व कप वर्ष में कई खिलाड़ियोंने प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। चाहे घरेलू क्रिकेट की बात हो या अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की। यही वजह है कि मेगा इवेंट के लिए खिलाड़ियोंका चयन करना इंग्लैंड के लिए मुश्किल हो गया है। उदाहरण के तौर पर विश्व के नंबर एक टी-20 बल्लेबाज डेविड मलान ने श्रीलंका के खिलाफ कुछ दिनों पहले खत्म हुई टी-20 सीरीज के तीसरे और आखिरी मुकाबले में बल्ले से एक शक्तिशाली प्रदर्शन किया था, जबकि दो वर्ष से टीम से दूर रहे एलेक्स हेल्स भी घरेलू क्रिकेट में रन बना रहे हैं। 

इसी तरह तेज गेंदबाजों डेविड विली और क्रिस वोक्स ने इंग्लैंड की पहली पसंद के गेंदबाज न होने के बावजूद श्रीलंका सीरीज के खिलाफ खुद को साबित किया, जब उन्होंने तीसरे टी-20 मुकाबले में श्रीलंकाई टीम को 91 रन पर ढेर कर दिया। वहीं सैम करेन तीन टी-20 मैचों में पांच विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द सीरीज रहे। उधर इंग्लैंड के प्रमुख ऑल राउंडर बेन स्टोक्स काउंटी क्रिकेट में डरहम के लिए बर्मिंघम बियर के खिलाफ खेलते हुए बल्ले और गेंद से अच्छे दिखे।