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नई दिल्ली : क्रिकेट के मौजूदा दौर में यदि बेहतरीन लेग स्पिनरों की सूची बनाई जाये तो उसमें भारत के युजवेन्द्र चहल का नाम भी शामिल किया जायेगा। चहल ऑस्ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर शेन वार्न को अपना आदर्श मानते हैं और उन्हीं की तरह ही गेंदबाजी करना चाहते हैं और साथ ही वार्न जैसी बॉल ऑफ द सेंचुरी फेंकना उनका सबसे बड़ा सपना है।शतरंज खिलाड़ी से क्रिकेटर बने चहल पिछले कुछ वर्षों में भारत की ओर से खेलने वाले बेहतरीन स्पिन गेंदबाजों में से एक हैं।

एक साक्षात्कार में चहल ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर शेन वार्न की तरह गेंदबाजी करना चाहते हैं और उनकी तरह सदी की सर्वश्रेष्ठ गेंद डालना चाहते हैं। हाल ही में विवाह बंधन में बंधे चहल ने कहा कि जब मैंने शेन वार्न सर के क्रिकेट वीडियो देखने शुरू किए तो मुझे पता चला कि वास्तविक लेग स्पिन क्या है। वह मेरे आदर्श रहे हैं और मैं उनकी तरह ही गेंदबाजी करना चाहता हूं। उन्होंने जिस तरह से माइक गैटिंग को आउट किया था। वैसी गेंद करना प्रत्येक लेग स्पिनर का सपना होता है। मैं भी वैसी ही गेंद फेंकना चाहता था और मुझे लगता है कि न्यूजीलैंड दौरे पर जिस तरह से मैने मार्टिन गुप्तिल को आउट किया वह काफी हद तक ऐसी ही थी।

चहल ने कहा कि मैंने क्रिकेेट खेलने की भावना को धीरे-धीरे महसूस किया और इस तरह से अपने पड़ोस में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। मेरे पिता जब कभी भी अपने सहयोगियों के साथ क्रिकेट खेलने जाते थे तो मैं भी उनके साथ मैदान पर जाता था। मैं वहां अंपायर की भूमिका निभाता था और इस तरह से क्रिकेट के प्रति मेरी रूचि बढ़ती गयी और मैने क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया।

चहल ने कहा कि हरियाणा में खेली जाने वाली पटौदी ट्रॉफी के दौरान एक मैच में मुझे खेलने का मौका मिला जो एक सीनियर टूर्नामेंट है और उस समय मेरी उम्र 10 साल थी। मैंने तब मैच में तीन विकेट लिए जिसके बाद अंडर-14 टीम में मेरा चयन हो गया। इसके बाद धीरे-धीरे मैंने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के लिए अंडर-17 टीम में खेलना शुरू किया जिससे मुझे काफी मदद मिली। स्पिन गेंदबाज ने कहा कि शुरू में वह एक मध्यम तेज गेंदबाज बनना चाहते थे लेकिन पिता की सलाह मानकर उन्होंने स्पिन गेंदबाजी करना शुरू किया।