नई दिल्लीः आईपीएल 2018 खत्म हो चुका है और चेन्नई ने हैदराबाद को हराकर तीसरी बार खिताब अपने नाम किया। वानखेड़े स्टेडियम में आईपीएल का फाइनल खेला गया। इससे पहले लीग स्टेज के कई मैचों के अलावा पहला क्वालिफायर भी इस मैदान पर ही खेला गया। ऐसे में आपने कभी सोचा कि जो दर्शक मैच देखने वानखेड़े स्टेडियम जाते हैं, सुरक्षा कारणों की वजह से उनसे इकट्ठा किए गए सिक्कों का क्या होता है। इस जवाब मिल गया है। स्टेडियम में एंट्री करने से पहले सभी दर्शकों से सिक्के बाहर ही रखवा लिए जाते हैं। जिसे बाद में मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन के पास जमा करवा दिया जाता है।
मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन भी इन सिक्कों को अपने पास नहीं रखती, बल्कि मरीन लाइंस पर मौजूद एक मंदिर में इन सिक्कों को दान कर देती है। हमारे सहयोगी अखबार मिड-डे को एमसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि, "हम सिक्कों से बरे बॉक्स का ताला नहीं खोलते हैं, हर एक-दो मैच के बाद हम सिक्कों के बॉक्स को पास के मंदिर में ले जाते हैं क्योंकि इन पैसों से हमें कोई मतलब नहीं। ऐसे में सबसे सही तरीका है, इन्हें दान कर देना।''
एमसीए के पदाधिकारी ने बताया कि, "पहले, जब 2011 के वर्ल्ड कप में सिक्कों को स्टेडियम में लाना प्रतिबंधित किया गया था, उससे पहले दर्शक सिक्के लेकर स्टेडियम पहुंच जाते थे। मगर अब लोगों को इस नियम की जानकारी मिल गई है, इसलिए अब ज्यादा सिक्के नहीं जमा होते हैं।" वानखेड़े स्टेडियम के गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने दावा किया हर मैच में दो से 4 हजार के सिक्के जमा हो जाते हैं।