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मेलबर्न : दुनिया के नंबर एक र्सिबयाई खिलाड़ी नोवाक जोकोविच ने बेहतरीन टेनिस का नजारा पेश करते हुए रविवार को फाइनल में राफेल नडाल को 6-3, 6-2, 6-3 से मात दी और रिकार्ड सातवां आस्ट्रेलियाई ओपन खिताब जीत लिया। इस जीत के बाद जोकोविच ने कहा कि उन्होंने ग्रैंडस्लैम में अपना सर्वश्रेष्ठ फाइनल खेला। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ग्रैंडस्लैम फाइनल में जितने मैच खेले हैं, उसमें यह सर्वश्रेष्ठ नहीं बल्कि सर्वश्रेष्ठ में से एक है।

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जोकोविच ने पूरे मैच के दौरान स्पेन के दूसरे वरीय खिलाड़ी पर दबदबा बनाए रखा और महज दो घंटे चार मिनट तक चले मुकाबले को जीतकर रॉड लावेर एरेना में अपना 15वां ग्रैंडस्लैम खिताब हासिल कर लिया। इससे 31 साल के जोकोविच आस्ट्रेलियाई ओपन पुरूष एकल खिताब के मामले में रोजर फेडरर और रॉय एमर्सन से आगे निकल गये जिन्होंने यहां छह-छह ट्राफियां जीती हैं। जोकोविच अपने कड़े प्रतिद्वंद्वी को पस्त करने के बाद कोर्ट पर झुके और कोर्ट को चूम लिया। उन्होंने अपनी भावनाओं को छुपाते हुए कहा, ‘‘यह काफी अवास्तविक सा ही है कि हम अब भी इस स्तर पर खेल रहे हैं और अब भी खेल के बड़े खिताबों के लिये प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं और यह शानदार शाम रही।

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जोकोविच ने कहा, ‘‘इन हालात में शायद मैंने फाइनल में राफा के साथ बेहतरीन स्तर का टेनिस खेला। उन्होंने अपनी कोहनी की सर्जरी का जिक्र किया, जिसके कारण वह विश्व की शीर्ष 20 रैंकिंग से बाहर हो गये थे लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए विम्बलडन और अमेरिकी ओपन में खिताब जीता था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले 12 महीनों के सफर के बारे में सोचने की कोशिश कर रहा हूं। पूरे 12 महीने पहले मेरी सर्जरी हुई थी।

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जोकोविच ने कहा- अभी आप सभी के सामने खड़ा होना और खिताब जीतना, वो भी चार ग्रैंडस्लैम में से तीन में ट्राफी जीतना, यह शानदार है। यह जोकोविच और नडाल की 53वीं भिड़ंत थीं और ओपन युग में इतनी बार कोई दो खिलाड़ी आमने सामने नहीं हुए हैं। इससे पहले आस्ट्रेलिया में दोनों के बीच भिड़ंत 2012 में हुई थी जो ग्रैंडस्लैम के इतिहास का सबसे लंबा मैच रहा था जो रिकार्ड पांच घंटे 53 मिनट तक चला था। लेकिन इस ऐतिहासिक मुकाबले का दोहराव नहीं हो सका क्योंकि नडाल शुरू में थोड़े नर्वस थे और जोकोविच ने इसका पूरा फायदा उठाया। 

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स्पेन के इस खिलाड़ी की पहले दौर के तीसरे सेट के बाद से सर्विस नहीं टूटी थी लेकिन सर्बियाई खिलाड़ी के सामने यह लय टूट गई। जोकोविच का अपने शाट पर नियंत्रण लाजवाब था और उन्होंने पहले चार सर्विस गेम एक भी अंक गंवाए बिना जीत लिए और पहला सेट महज 36 मिनट में अपने नाम कर लिया। दूसरा सेट भी इसी तर्ज में चला जिसमें जोकोविच अपनी ही सर्विस पर पर आगे बढ़ते रहे जबकि नडाल इन्हें बरकरार रखने में जूझते रहे।  पांचवें गेम को देखते हुए दबदबे का पता चल जाता है जिसमें जोकोविच ने फिर नडाल की र्सिवस तोड़ी जब नेट पर लगाातार खेलने के बाद उनका वॉली शाट दूर चला गया।

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जोकोविच ने इस समय तक पूरे मैच में सर्विस पर केवल दो अंक गंवाए थे लेकिन नडाल को तब उनकी र्सिवस तोडऩे का मौका मिला जब वह 30-15 से आगे हुए और दो बार ड्यूस हो गया। जोकोविच को मैच में पहली बार दबाव का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने तेज धमाके से वापसी करे हुए 4-2 से बढ़त बना ली। फार्म में चल रहा सर्बियाई खिलाड़ी इतना जोश से भर गया कि उन्होंने फिर से नडाल की सर्विस तोड़कर स्कोर 5-2 कर दिया जिसके बाद अपनी र्सिवस पर लगातार तीन ऐस लगाकर दो सेट की बढ़त बना ली। तब तक घड़ी के हिसाब से एक घंटा 16 मिनट हो चुके थे। 

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स्कोरलाइन से ही आंकड़ें का भी अंदाजा हो जाता है, जोकोविच ने आठ ऐस लगाए जबकि नडाल केवल एक ही लगा सके। सर्बियाई खिलाड़ी ने महज चार अनफोस्र्ड गलतियां की जबकि स्पेनिश खिलाड़ी के नाम 20 अनफोस्र्ड गलतियां रहीं। तीसरे सेट में फिर जोकोविच ने तीसरे गेम में उनकी सर्विस तोड़ी और तब तक महज औपचारिकता थी कि वह कितनी जल्दी नडाल को पराजित कर देंगे। जोकोविच 3-2 से आगे थे और फिर उन्होंने तेजी से विनर लगाकर सेट जल्दी समाप्त कर दिया। इस जीत से नडाल के खिलाफ उनका जीत का रिकार्ड 28-25 और दोनों के बीच ग्रैंडस्लैम फाइनल का रिकार्ड 4-4 से बराबर हो गया।  

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उप विजेता रहे नडाल ने कहा कि वह चोटों के बाद अभी तक अपनी सर्वश्रेष्ठ फार्म में नहीं हैं। उन्होंने कहा- वह इतने अविश्वसनीय अंदाज से खेला, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन साथ ही यह भी सच है कि शायद मैं शारीरिक रूप से अभी तक इस स्तर पर खेलने योग्य नहीं हुआ हूं। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वह इस बात से संतुष्ट हैं कि वह चोटों की समस्याओं के बावजूद यहां फाइनल तक पहुंचे जबकि वह अमेरिकी ओपन के बाद कोई भी मैच नहीं खेल पाए थे। जोकोविच ने इस तरह ग्रैंडस्लैम ट्राफियों की हैट्रिक भी पूरी की, इससे पहले उन्होंने पिछले साल विम्बलडन और अमेरिकी ओपन खिताब भी हासिल किए थे। अब वह मई में पेरिस में फ्रेंच ओपन में ओपन युग में सभी चार मेजर खिताब दो बार जीतने वाला खिलाड़ी बनने की कोशिश करेंगे।