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नई दिल्ली : दिव्या काकरान ने गुरूवार को यहां एशियाई चैम्पियनशिप के 68 किग्रा वर्ग मुकाबले में जापान की जूनियर विश्व चैम्पियन नरूहा मातसुयुकी को हराकर फाइनल में प्रवेश किया जिससे चार भारतीय महिला पहलवानों ने कम से कम रजत पदक पक्के कर लिए हैं। दिव्या ने 68 किग्रा में अपने सभी मुकाबले प्रतिद्वंद्वी को चित्त करके जीते। उन्होंने पहले कजाखस्तान की एलबिना कैरजेलिनोवा को पस्त किया और फिर मंगोलिया की डेलगेरमा एंखसाइखान को पराजित किया।

मंगोलियाई पहलवान के खिलाफ उनका डिफेंस कुछ कमजोर दिखा लेकिन वह अपनी प्रतिद्वंद्वी को हराने में सफल रहीं। तीसरे दौर में दिव्या का सामना उज्बेकिस्तान की एजोडा एसबर्जेनोवा से था और उन्होंने 4-0 की बढ़त बनाने के बाद अपनी प्रतिद्वंद्वी को महज 27 सेकेंड में मात दी। जापान की जूनियर विश्व चैम्पियन के खिलाफ दिव्या ने 4-0 की बढ़त हासिल कर ली। जापानी पहलवान ने दूसरे पीरियड में मजबूत शुरूआत की और भारतीय पहलवान के बाएं पैर पर हमला किया लेकिन उन्होंने अंक दायें पैर पर आक्रमण से जुटाये जिससे स्कोर 4-4 हो गया। दिव्या ने हालांकि फिर प्रतिद्वंद्वी को चित्त कर दिया। इसके बाद वह मैट से उतरकर कोचों के साथ जश्न मनाने लगी जिसके बाद रैफरी ने अधिकारिक रूप से उन्हें विजेता घोषित किया।

दिव्या ने पिछले साल एशियाई चैम्पियनिशप में कांस्य पदक जीता था। सरिता 2017 में 58 किग्रा में रजत पदक जीतने बाद अपनी पहली एशियाई प्रतियोगिता में भाग ले रही थीं। उन्होंने कजाखस्तान की मदीना बाकबेरजेनोवा और किर्गिस्तान की नाजिरा मार्सबेकिजी के खिलाफ अपने पहले दो मुकाबले तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हासिल किए। इसके बाद उन्होंने जापान की युमी कोन पर 10-3 से जीत हासिल की। वह अब फाइनल में मंगोलिया की बातसेतेग अटलांटसेतसेग के सामने होंगी। निर्मला देवी भी 50 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक की दौड़ में बनी हुई हैं। उन्होंने मंगोलिया की मुंखनार बाईयाम्बासुरेन को 6-4 और उज्बेकिस्तान की दौलेतबाइक याखशिमुरातोवा पर तकनीकी श्रेष्ठता से जीत हासिल की। अब वह जापान की मिहो इगाराशी से भिड़ेंगी।

पिंकी ने भी 57 किग्रा के फाइनल में प्रवेश कर लिया। उन्होंने उज्बेकिस्तान की शोकिदा अखमेदोवा को चित्त करके शुरूआत की और फिर अगले मुकाबले में जापान की काना हिगाशिकावा को पराजित किया। इसके बाद उन्होंने सेमीफाइनल में मारिना जुयेवा को 6-0 से हराया। वह मंगोलिया की डुलगुन बोलोरमा से भिड़ेंगी। किरण 76 किग्रा में पदक की दौड़ से बाहर हो गईं। वह अपने तीन में से दो मुकाबले हारकर पदक दौड़ से बाहर हुईं।