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दुबई : टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने अपने पदार्पण मुकाबले को याद करते हुए कहा कि उस मैच में टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उनका मनोबल बढ़ाया था। बुमराह ने 2016 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। भारत ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की वनडे सीरीज के शुरु के चार मुकाबले हार चुकी थी और सिडनी में खेले गए पांचवें मुकाबले में बुमराह को खेलाया गया।इस मुकाबले में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया हराया।

बुमराह ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला धोनी का निजी निर्णय था और सभी इसका सम्मान करते हैं। लेकिन निजी तौर पर मैंने 2016 में उनके नेतृत्व में पदार्पण किया था और उन्होंने मेरा मनोबल काफी बढ़ाया था। कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि धोनी ने इससे पहले तक मुझे किसी स्तर में गेंदबाजी करते नहीं देखा था।'

उन्होंने कहा, ‘मेरे पदार्पण मुकाबले में जब मैं डेथ ओवर में गेंदबाजी करने गया तो मैंने धोनी से पूछा कि क्या में याकर्र फेंक सकता हूं। उन्होंने मुझसे कहा नहीं, आप याकर्र नहीं करेंगे। धोनी को उस वक्त लगा कि यह कठिन डिलेवरी है और मैं ऐसा नहीं कर पाऊंगा।' तेज गेंदबाज ने कहा, ‘मैं धोनी से कहा कि डेथ ओवरों में मुझे याकर्र के सिवाए अन्य गेंदबाजी के बारे में नहीं पता है।

तेज गेंदबाज ने कहा, इसके बाद मैंने याकर्र ही फेंकी और धोनी मेरे पास आए और उन्होंने कहा कि तुम्हें पहले टीम में आना चाहिए था, हम सीरीज जीत सकते थे। एत तरफ जहां मैं पदार्पण के कारण काफी बैचेन था वहीं दूसरी ओर कप्तान का मुझे ऐसा कहना मेरे लिए सुखद था। उन्होंने मुझे खुलकर गेंदबाजी की इजाजत दी।' आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलने को लेकर उन्होंने कहा, ‘‘जब आप सफल फ्रेंचाइजी के लिए खेलते हैं तो उम्मीदें भी रहती हैं। हमारी टीम बेहद अच्छी है। ट्रेंट बोल्ट के टीम में शामिल होने से मुझे उनके साथ गेंदबाजी का अवसर मिलेगा। मुंबई इंडियंस के हौसले काफी बुलंद हैं।'

इस साल के अंत में होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बुमराह ने कहा, ‘जब हम पिछली बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे तो यह काफी चुनौतीपूर्ण दौरा था लेकिन इसके नतीजे से हमें काफी खुशी हुई और यह हम सभी के लिए विशेष था। हर क्रिकेटर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इसलिए भी जाना चाहता है क्योंकि उसे पता होता है कि वहां चीजें आसान नहीं होंगी।'