Sports

नई दिल्ली : पूर्व कप्तान और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरभ गांगुली का मानना है कि पूर्व कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी को ज्यादातर टॉप आर्डर में खेलना चाहिए था। गांगुली ने कहा कि उन्हें पता था कि धोनी में बड़े शॉट्स मारने की क्षमता है, इसलिए उन्होंने अपनी कप्तानी में धोनी को शीर्ष क्रम में खेलने उतारा था। गांगुली ने कहा- जब मैंने संन्यास लिया था तो मैंने कई बार अपने विचार रखे थे कि धोनी को ऊपरी क्रम में खेलना चाहिए।

शुरुआती करियर में धोनी ने 148, 183 रन की पारियां खेलीं

Dhoni, MS Dhoni, Sourav Ganguly, cricket news in hindi, sports news, BCCI, Team india, Indian cricket team

धोनी ने गांगुली के नेतृत्व में ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। धोनी अपने करियर में 16 बार तीसरे नंबर खेलने उतरे थे और इस स्थान पर उनका औसत 82.75 का रहा था। धोनी जब अप्रैल 2005 में अपना पांचवां वनडे खेल रहे थे तो उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापत्तनम में तीसरे नंबर पर उतारा गया था और उन्होंने 148 रन की विस्फोटक पारी खेली थी। उसी साल बाद में जयपुर में धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ 299 के लक्ष्य का पीछा करते हुए तीसरे नंबर पर उतरकर 145 गेंदों पर 183 रन की जबरदस्त पारी खेली थी। उस समय लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए यह वनडे में सबसे बड़ी पारी थी।

धोनी ने दिलाए दो विश्व कप

Dhoni, MS Dhoni, Sourav Ganguly, cricket news in hindi, sports news, BCCI, Team india, Indian cricket team

अपनी कप्तानी में टीम को दो विश्वकप जिताने वाले धोनी ने गत 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की थी। गांगुली ने कहा कि धोनी में बड़े शॉट्स खेलने की काबिलियत थी और इसलिए उन्हें बल्लेबाजी क्रम में ऊपर लाना और स्वतंत्रता से अपना खेल खेलने देना जरूरी था। धोनी हालांकि अपने करियर में अधिकतर समय मध्यक्रम में खेले और उन्हें दुनिया का सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माना जाता है। 

चैलेंजर ट्रॉफी के दौरान लिया था फैसला

Dhoni, MS Dhoni, Sourav Ganguly, cricket news in hindi, sports news, BCCI, Team india, Indian cricket team

गांगुली ने बताया कि उन्होंने 2005 में चैलेंजर ट्रॉफी के दौरान मुंबई में इंडिया सीनियर की ओर से खेलते हुए धोनी को शीर्ष क्रम पर खेलाने का फैसला लिया था और धोनी ने इंडिया बी के खिलाफ उस मुकाबले में 96 गेंदों में नाबाद 102 रन बनाए थे और अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी। गांगुली ने कहा- चैलेंजर ट्रॉफी के दौरान धोनी ने मेरी टीम के लिए खेलते हुए ओपनिंग की थी और शतक जड़ा था, तभी मुझे उनकी काबिलियत के बारे में पता चला था। उन्हें विशाखापत्तनम में तीसरे नंबर पर खेलने का मौका मिला और उन्होंने वहां भी शतक जड़ा। जब भी उन्हें ज्यादा ओवर खेलने का मौका मिला उन्होंने बड़ा स्कोर बनाया।

धोनी में छक्के मारने की दुर्लभ ताकत

Dhoni, MS Dhoni, Sourav Ganguly, cricket news in hindi, sports news, BCCI, Team india, Indian cricket team

गांगुली ने कहा- एक खिलाड़ी तब बनता है जब उसे सही क्रम में खेलने भेजा जाए। आप बल्लेबाज को निचले क्रम में खेलाकर बड़ा खिलाड़ी नहीं बना सकते। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि आप किसी क्रिकेटर को ड्रेसिंग रुम के अंदर बैठाकर बड़ा खिलाड़ी नहीं बना सकते। पूर्व कप्तान ने कहा-धोनी में जो काबिलियत थी, खासकर छक्के मारने की वो दुर्लभ थी। उन्होंने अपना करियर खत्म होते-होते अपने खेल में परिवर्तन कर लिया था। लेकिन जब धोनी युवा थे तो यह जरुरी था कि उन्हें स्वतंत्र होकर खेलने दिया जाए।