Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Oct, 2017 08:26 PM
आईसीसी के नए नियमों में एक नियम ऐसा है जिससे भारत के बल्लेबाज और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के लिए मुश्किलें बड़ती नजर आ रही हैं। धोनी कभी कभी मैच के दौरान ऐसा दर्शाते थे कि उन्होंने गेंद कलेक्ट कर
नई दिल्ली: आईसीसी के नए नियमों में एक नियम ऐसा है जिससे भारत के बल्लेबाज और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। धोनी कभी कभी मैच के दौरान ऐसा दर्शाते थे कि उन्होंने गेंद कलेक्ट कर ली है और वे थ्रो करने वाले हैं। वास्तव में उस वक्त गेंद उनके हाथ में होती ही नहीं थी, लेकिन वे अपने इस एक्शन से बल्लेबाजों को भ्रमित कर रन लेने से रोक देते थे। आईसीसी के एक नए ‘‘फेक फील्डिंग’’ के कारण धोनी का ऐसा करना उनकी टीम को भारी पड़ सकता है।
फेक फील्डिंग से जुड़ा एक नया नियम 41.5 आया है। फेक फील्डिंग की सबसे ज्यादा चर्चा इसलिए की जा रही है क्योंकि अगर बल्लेबाज द्वारा गेंद खेले जाने के बाद, फील्डर द्वारा जानबूझकर, शाब्दिक रूप से, बल्लेबाज का ध्यान भटकाना या उसके लिए बाधा उत्पन्न करना नियम विरुद्ध माना जाएगा। यदि मैदानी अंपायर तय करते हैं कि ऐसा अवरोध जानबूझकर किया गया है तो बैटिंग करने वाली टीम को 5 रन दिए जा सकते हैं। फेक फील्डिंग नियम का पहला शिकार क्वींसलैंड के फील्डर मार्नस लैबूसचेंज बने, जब उन्हें ऑस्ट्रेलिया के घरेलू टूर्नामेंट जेएलटी वनडे कप में बल्लेबाज को भ्रमित करने के लिए फेक फील्डिंग नियम के तहत दंडित किया गया था।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने इस नियम पर आईसीसी का विरोध किया। उन्होंने ट्वीट कर आईसीसी से इस नियम पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। संजय मांजरेकर ने ट्वीट के जरिए कहा, ‘फेक फील्डिंग के लिए पांच पेनल्टी रन देना अभी लागू हुए क्रिकेट के नए नियमों में सबसे हास्यास्पद है। आईसीसी को इस पर फिर से विचार करने का आग्रह करता हूं.’। मांजरेकर ने आगे कहा, ‘बैटिंग करने वाले टीम पर भी 5 रन की पेनल्टी लगाना कैसा रहेगा, यदि कोई बैट्समैन फेक स्टेप आउट करने की कोशिश करता है. क्या ये बॉलर को भ्रमित करना नहीं होगा. फेक फील्डिंग लॉ को हटाना चाहिए.’