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जालन्धर : आईपीएल का जब भी भविष्य नाम लिया जाएगा तो यह जरूर कहा जाएगा कि चेन्नई सुपर किंग्स ही एक ऐसी टीम थी जिसने इस टूर्नामैंट का स्वरूप बदलकर रख दिया। मसलन सबसे ज्यादा बार फाइनल में पहुंचना, दो बार खिताब जीतना, तमाम तरह के रिकॉर्ड अपने नाम करने में सीएसके बाकी टीमों से काफी आगे चल रही है। 

आईपीएल आंकड़ें खंगाले तो पता चलता है कि सीएसके को इतने बढ़ी स्टेज तक ले जाने के लिए टीम के दो की-प्लेयर महेंद्र सिंह धोनी और सुरेश रैना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रैना यहां सर्वाधिक रन बनाने के मामले में सबसे ऊपर चल रहे हैं तो वहीं, धोनी छक्कों, सबसे ज्यादा नॉट आऊट जैसे तमाम रिकॉर्ड बनाकर चल रहे हैं। मंगलवार को आईपीएल-11 में चेन्नई का मुकाबला सनराइजर्स हैदराबाद के साथ था। इसमें चेन्नई ने आखिरी ओवर में रोमांचक जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बनाई।

चेन्नई आईपीएल हिस्ट्री में सातवीं बार फाइनल में पहुंचा है। खास बात यह है कि सातों बार टीम की कमान महेंद्र सिंह धोनी के नाम थी। लेकिन मौजूदा सीजन में धोनी के साथ सुरेश रैना ने भी एक खास रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। दरअसल धोनी और रैना इक_े सीएसके और गुजरात लायंस की ओर से 20वां प्लेऑफ/सेमिफाइनल खेले हैं। यह एक तरह का रिकॉर्ड है। इसके आसपास भी कोई और क्रिकेटर नहीं है। और तो और दर्जनों रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले कोहली भी इस रिकॉर्ड से कोसों दूर हैं। कोहली अभी रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के कप्तान है लेकिन उनकी टीम एक बार भी खिताब नहीं जीत पाई है। यहां तक कि कई बार सेमिफाइनल या प्लेऑफ में पहुंचने के लिए भी आरसीबी को कड़ी चुनौती पेश आई है।