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मुंबई : चेन्नई सुपर किंग्स के मुख्य कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने उनकी पारी के शुरू में निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) की सुविधा नहीं होने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मुंबई इंडियन्स के खिलाफ मैच में इस दौरान कुछ फैसले उनके खिलाफ गए। वानखेड़े स्टेडियम में शॉर्ट सर्किट की वजह से चेन्नई की पारी की पहली 10 गेंद तक डीआरएस की सुविधा उपलब्ध नहीं थी जिसका उसकी टीम को नुकसान हुआ क्योंकि इस बीच कुछ फैसले उसके खिलाफ गए। 

चेन्नई के फॉर्म में चल रहे बल्लेबाज डेवोन कॉनवे अपने खिलाफ गए पगबाधा के फैसले को नहीं बदलवा पाए जबकि रीप्ले से लग रहा था कि डेनियल सैम्स की गेंद लेग स्टंप से बाहर निकल रही थी। रोबिन उथप्पा भी जसप्रीत बुमराह के अगले ओवर में पगबाधा आउट करार दिए गए और तब भी बल्लेबाज के बचने की संभावना दिख रही थी। 

फ्लेमिंग ने मैच के बाद कहा, ‘यह थोड़ा दुर्भाग्यपूर्ण था कि उस समय ऐसा हुआ। हम थोड़ा निराश थे, लेकिन यह भी खेल का हिस्सा है। उस समय कुछ फैसले हमारे पक्ष में नहीं गए। निश्चित तौर पर यह हमारे लिए अच्छी शुरुआत नहीं थी।’ मुंबई के हाथों पांच विकेट की हार से चेन्नई की प्लेऑफ में पहुंचने की संभावनाएं भी समाप्त हो गई। फ्लेमिंग हालांकि सकारात्मक पहलुओं पर गौर करना चाहते हैं। 

फ्लेमिंग ने कहा, ‘हमारे लिए वास्तव में कुछ सकारात्मक पहलू रहे। मुकेश (चौधरी) और सिमरजीत (सिंह) की नई गेंद से गेंदबाजी शानदार रही। ऐसे में दीपक चाहर की वापसी पर हमारे पास नई गेंद से गेंदबाजी करने के कुछ अच्छे विकल्प रहेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘हमने उतना अच्छा खेल नहीं दिखाया जैसा हमें दिखाना चाहिए था। अब हम प्रतियोगिता से बाहर हो गये हैं तो हम बाकी बचे दो मैचों में अन्य खिलाड़ियों को आजमा सकते हैं।’ 

मुंबई के गेंदबाजी कोच शेन बांड ने पिछले कुछ मैचों में अपने गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की सराहना की। बांड ने कहा, ‘गेंदबाजी इकाई के रूप में पिछले चार-पांच मैचों में हमने बेहतर प्रदर्शन किया। बुमराह ने पूरे सत्र में अच्छी गेंदबाजी की लेकिन उन्हें उतने विकेट नहीं मिले जितने मिलने चाहिए थे।’