जालन्धर : चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल के 11 एडिशन में सातवीं बार फाइनल में पहुंचने में कामयाब हो गई है। इसका सबसे बड़ा श्रेय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी जा सकता है। यह धोनी का नेतृत्व ही है कि वह सीएसके को दो बार खिताब दिला चुके हैं। एक बार जब उनकी टीम चेन्नई सुपर किंग्स आईपीएल से बैन हो गई थी। तब धोनी को पुणे सुपर जायंट का कप्तान बनाया गया था। नई टीम के साथ ही वह फाइनल में पहुंचने में कामयाब हो गए थे।
अब सीएसके से जुड़े अहम आंकड़ें सामने आए हैैं जिससे पता चलता है कि आखिर हारता हुआ मैच सीएसके कैसे जीत जाती है। इस सीजन में मुंबई, कोलकाता, आरसीबी और फिर क्वालिफायर में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ सीएसके एक समय हारने की कागार पर भी लेकिन आखिरी ओवरों में सीएसके के बल्लेबाज ऐसे गेयर शिफ्ट करते हैं कि वह हारा हुआ मैच अपनी टीम की झोली डाल देते हैं।
इस सीजन में यह सिलिसला शुरू हुआ था मुंबई इंडियंस के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए लीग मैच दौरान। लक्ष्य का पीछा करने उतरी सीएसके को आखिरी 17 गेंदों में जीत के लिए 47 रन चाहिए था लेकिन चेन्नई के पुछल्ले बल्लेबाजों ने शानदार बैटिंग कर अपनी टीम को जीता दिया। इसी तरह केकेआर के खिलाफ 17 गेंद में 41, आरसीके खिलाफ 16 गेंदों में 44 तो अब क्वालिफायर में 13 गेंदों में 43 रन बनाकर सीएसके के बल्लेबाजों ने साबित कर दिया वह किसी भी मुश्किल हालतों से टीम के लिए जीत निकाल सकते हैं।