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मास्कोः भले ही क्रोएशिया फाइनल मुकाबले में फ्रांस से 4-2 से हारकर खिताब जीतने से चूक गई हो लेकिन उन्होंने अपनी तरफ से हर संभव प्रयास किये और अपने कौशल और चपलता से दर्शकों का दिल भी जीता। निसंदेह फ्रांस अधिक प्रभावी और चतुराईपूर्ण खेल दिखाया, यही उसकी असली ताकत है जिसके दम पर वह 20 साल बाद फिर चैम्पियन बनने में सफल रहा। लेकिन दूसरी तरफ 40 लाख वाले इस छोटे देश ने दुनियाभर में अपनी पहचान बना ली है।         

क्रोएशिया की राष्ट्रपति कोलिंडा ग्रेबर कितारोविक भी अपनी टीम का खूब स्पोर्ट करती आईं। वह मैच देखने पहुंची आैर हार मिलने के बावजूद खुशी-खुशी से टीम के सदस्यों का हाैंसला बढ़ाने के लिए उन्हें गले लगाया। वहीं क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेनकोविच ने भी खुशी जाहिर की थी जब उनकी टीम ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड को हराया था। वह जीत की खुशी में मीटिंग में राष्ट्रीय फुटबाॅल टीम की लाल और सफेद जर्सी पहनकर पहुंचे थे। ब
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बता दें कि क्रोएशिया फीफा के इतिहास में पहली बार फाइनल में पहुंचा था। उन्होंने ग्रुप स्टेज के सभी मैच जीते थे जो दर्शाते हैं कि इस नई टीम ने कितना दम दिखाकर फाइनल तक जगह बनाई। 

ऐसा रहा मैच
फ्रांस ने 18वें मिनट में मारियो मैंडजुकिच के आत्मघाती गोल से बढ़त बनाई लेकिन इवान पेरिसिच ने 28वें मिनट में बराबरी का गोल दाग दिया। फ्रांस को हालांकि जल्द ही पेनल्टी मिली जिसे एंटोनी ग्रीजमैन ने 38वें मिनट में गोल में बदला जिससे फ्रांस मध्यांतर तक 2-1 से आगे रहा। पॉल पोग्बा ने 59वें मिनट में तीसरा गोल दागा जबकि किलियान एमबापे ने 65वें मिनट में फ्रांस की बढ़त 4-1 कर दी। जब लग रहा था कि अब क्रोएशिया के हाथ से मौका निकल चुका है तब मैंडजुकिच ने 69वें मिनट में गोल करके उसकी उम्मीद जगायी, लेकिन इसके बाद कोई गोल नहीं हो सका आैर मैच 4-2 पर समाप्त हुआ।