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नई दिल्ली: क्रिकेट जगत की प्रेम कहानी अकसर मीडिया की सुर्खियां बनती है। कभी विराट कोहली व अनुष्का की लव स्टोरी हो तो कभी हरभजन -गीता बसरा की कहानी। कुछ लोगों की प्रेम कहानी बेहद आसान होती है लेकिन सौरभ गांगुली-डोना की स्टोरी फिल्म "देवदास " से मिलती जुलती है। 
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सौरभ -डोना गांगुली एक दूसरे के पड़ोसी थे. बचपन में दोनों के बीच दोस्ती थी। बचपन की दोस्ती कब प्यार में बदल गयी दोनों को पता ही नहीं चला.सौरभ जहां कोलकाता के सेंट जेवियर में पढ़ाई करते थे वहीं डोना लोरेटो कॉन्वेंट में था। दोनों का घर कोलकाता का बेहला इलाके में था। गांगुली और डोना के मुलाकातों का सिलसिला बढ़ता गया दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे, लेकिन यह बात परिवार वाले को बता नहीं पाए थे।

गांगुली का परिवार इस बात को लेकर राजी नहीं था कि उनके परिवार में कोई गैर ब्राह्मण बहू आए। उधर गांगुली क्रिकेट की दुनिया में धीरे-धीरे सिक्का जमा रहे थे। क्रिकेट में मिली अपार कामयाबी के बाद सौरभ गांगुली ने डोना से शादी करने का फैसला लिया. परिवार वालों के रजामंदी के बगैर 12 अगस्त 1996 में सौरव और डोना कानूनी तौर पर एक-दूसरे के हो गए। जब परिवारों को यह बात मालूम हुई तो वे बहुत गुस्सा हुए और उन्होंने कोशिश की कि दोनों का यह रिश्ता टूट जाए लेकिन सौरव और डोना का प्रेम इतना पक्का था उन्होंने परिवारों को भी आपस में जोड़ दिया और दूसरी बार उनकी शादी करवाई।