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स्पोर्ट्स डेस्क: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी और तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा का नाम क्रिकेट जगत में महान तेज गेंदबाजों की लिस्ट में आता है। उनकी गेंदबाजी ऐसी थी कि सचिन तेंदुलकर, ब्रायन लारा, राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गज बल्लेबाज भी खौफ खाते थे और उनके सामने संभलकर खेलते थे। मैक्ग्रा के बर्थडे पर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने ट्वीट करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी है। आइए मैक्ग्रा के जन्मदिन पर उनके बारे में कुछ ऐसी ही बातें पर नजर डालते हैं जो शायद ही आपको पता हों - 

यहां से हुई करियर की शुरूआत

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मैक्ग्रा का जन्म ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स स्थित Dubbo में हुआ था। नैरोमाइन में पले-बढ़े मैक्ग्रा ने यहीं से क्रिकेट खेलना शुरू किया था और डग वाल्टर्स क्षमता को पहचाना। इसके बाद वह सिडनी चले गए 1992-93 के दौरान न्यू साउथ वेल्स क्रिकेट टीम से करियर की शुरूआत की। केवल 8 प्रथम श्रेणी मैचों के बाद टेस्ट टीम में चयन के बाद मैकग्राथ ने तेजी से वृद्धि की। 

फ्लाइट अटेंडेंट से प्यार और फिर शादी

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मैक्ग्रा पहली शादी 2001 में की थी और उनकी पत्नी जेन लुईस शादी से पहले फ्लाइट अटेंडेंट थी। दोनों की मुलाकात 1995 में हांगकांग स्थित नाइट क्लब के Joe Bananas में हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ी और एक दूसरे से प्यार करने लगे और शादी भी की। इस शादी से उनके 2 बच्चे हुए। लेकिन जून 2008 में कैंसर के इलाज के दौरान जेन की मौत हो गई। इसके बाद मैक्ग्रा ने साल 2010 में इंटीरियर डिजाइनर सारा लिओनार्डी से शादी की। 

सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज

श्रीलंकाई मुरलीधरन (1347), हमवतन शेन वॉर्न (1001) और भारतीय अनिल कुंबले (956) के बाद मैक्ग्रा क्रिकेट इतिहास में सर्वाधिक 949 विकेट लेने वाले चौथे गेंदबाज हैं। इसी के साथ ही विश्व कप में सर्वाधिक 71 विकेट चटकाने के रिकॉर्ड भी उनके नाम पर दर्ज है जो आजतक कोई नहीं तोड़ पाया। 

क्यों कहते थे 'कबूतर'

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मैक्ग्रा जब क्रिकेट जगत में आए तो वह काफी पतले थे और उनकी टांगें बहुत कमजोर नजर आती थी। एक बार ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर ब्राड मैकनमारा ने मजाक में मैक्ग्रा ये कह दिया कि तू कबूतर की टांगे चुरा कर आया है। बस फिर क्या था तब से मैक्ग्रा का निकनेम ही पीजन पड़ गया।

इसलिए सदियों तक रखा जाएगा याद 

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मैक्ग्रा ने वर्ष 1997 में लंदन में इंग्लैंड के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए टेस्ट मैच में 38 रन देकर 8 विकेट लिए थे। 
2003 विश्व कप के दौरान उन्होंने नमीबिया के खिलाफ 15 रन देकर 7 विकेट हासिल किए थे। 
वर्ष 2004 में पर्थ टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 8 विकेट अपने खाते में जोड़े। इस दौरान उन्होंने सिर्फ 24 रन दिए।