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टोक्यो : मरियप्पन थंगावेलु ने मंगलवार को कहा कि बारिश के कारण वह पैरालम्पिक में लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक नहीं जीत सके क्योंकि मोजे गीले होने की वजह से वह टी42 स्पर्धा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए। एक बार 1.86 मीटर की कूद लगाने के बाद मरियप्पन और सैम ग्रेव दोनों को 1.88 मीटर कूदने में परेशानी आई लेकिन अमेरिकी खिलाड़ी ने आखिरी प्रयास में कामयाबी हासिल करके स्वर्ण जीता। मरियप्पन को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।

तमिलनाडु के सेलम जिले के पेरियावाडागामपट्टी गांव के रहने वाले मरियप्पन ने रियो पैरालम्पिक में 1.89 मीटर की कूद लगाकर स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने पदक जीतने के बाद कहा कि मैं विश्व रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीत सकता था। मैं उसी लक्ष्य के साथ यहां आया था लेकिन बारिश से सब गड़बड़ हो गई। शुरूआत में बूंदाबांदी हो रही थी लेकिन 1.80 मीटर मार्क के बाद तेज होने लगी। मेरे दूसरे पैर (दाहिना पैर) का मोजा गीला हो गया और कूदना मुश्किल हो गया था।

उन्होंने कहा कि रियो में मौसम अच्छा था और मैने स्वर्ण पदक जीता। अब मैं 2024 में पेरिस में स्वर्ण जीतने की कोशिश करूंगा।  उनके कोच और राष्ट्रीय पैरा एथलेटिक्स के अध्यक्ष सत्यनारायण ने कहा कि मरियप्पन अभ्यास के दौरान 1.90 मीटर की कूद लगा रहा था और पैरा राष्ट्रीय टूर्नामेंट में 1.99 मीटर तक पहुंचा था। उन्होंने कहा कि मौसम के कारण हम 1.88 मीटर पार नहीं कर सके। पेरिस ओलंपिक में अभी तीन साल है और वह वहां स्वर्ण जरूर जीतेगा।