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नई दिल्लीः महाद्वीपीय दिग्गजों बहरीन और यूएई का सामना करना आसान नहीं है लेकिन भारतीय राष्ट्रीय फुटबाल टीम के कोच स्टीफन कोन्सटेनटाइन को भरोसा है कि सुनील छेत्री और उनकी टीम अगले साल होने वाले एशियाई कप में सिर्फ संख्या बढ़ाने नहीं जा रहे। भारत ने पिछली बार 2011 में आयरलैंड के बाब हाटन के मार्गदर्शन में एशियाई कप में हिस्सा लिया था और तब उसे आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और बहरीन ने आसानी से हरा दिया था। लेकिन कोन्सटेनटाइन का मानना है कि इस बार चीजें अलग होंगी। भारत को पांच जनवरी से एक फरवरी तक होने वाले 24 टीमों के इस टूर्नामेंट में थाईलैंड, मेजबान यूएई और बहरीन के साथ ग्रुप ए में रखा गया है। प्रत्येक छह ग्रुप से शीर्ष दो टीमें और तीसरे स्थान पर रहने वाली चार सर्वश्रेष्ठ टीमें नाकआउट में जगह बनाएंगी।     

नाकआउट के लिए क्वालीफाई करने का सही माैका
भारत अपने पहले मैच में छह जनवरी को अबु धाबी में थाईलैंड से भिड़ेगा जबकि 10 जनवरी को अबु धाबी में ही यूएई के खिलाफ खेलेगा। टीम अपना अंतिम मैच 14 जनवरी को शारजाह में बहरीन के खिलाफ खेलेगी। कोन्सटेनटाइन ने दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमारे पास ठीक ठाक मौका है (नाकआउट के लिए क्वालीफाई करने का) लेकिन मानसिक और शारीरिक दोनों तरह से तैयार रहना होगा। थाईलैंड के खिलाफ पहला मैच अच्छा मुकाबला होने वाला है। हम वहां जीतने के लिए जा रहे हैं, सिर्फ संख्या बढ़ाने के लिए नहीं।’’ एशियाई कप की तैयारियों के लिए भारत एक जून से मुंबई के चार देशों के इंटरकांटिनेंटल टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है। भारत के अलावा इस टूर्नामेंट में चीनी ताइपे, कीनिया और न्यूजीलैंड की टीमें भी हिस्सा लेंगी।          

दूसरी बार भारतीय टीम के कोच की जिम्मेदारी निभा रहे 55 साल के कोन्सटेनटाइन ने कहा, ‘‘हमें इन मैचों की जरूरत है (इंटरकांटिनेंटल कप में)। हम गलतियां करेंगे लेकिन यह बेहतर है कि एशियाई कप की जगह हम यहां ऐसा करें।’’ भारत की मौजूदा टीम 2011 में दोहा में खेलने वाली भारतीय टीम से पूरी तरह से अलग है। मौजूदा भारतीय कप्तान सुनील छेत्री एकमात्र खिलाड़ी हैं जो 2011 टूर्नामेंट में खेलने वाली टीम के सदस्य थे। छेत्री के इंटरकांटिनेंटल कप के दौरान भारत की ओर से 100वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने की उम्मीद है। वह अब तक 97 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। कोन्सटेनटाइन इससे पहले 2002 से 2005 के बीच भी भारतीय टीम के कोच रहे थे जबकि मार्च 2015 में दूसरी बार उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई।