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स्पोर्ट्स डेस्क : आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 के दौरान अपनी धीमी पारी के कारण आलोचनाओं में घिरे पूर्व भारतीय कप्तान और विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी एक बार फिर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) और आम्रपाली के फ्लैट खरीददारों की संस्था नेफोवा ने धोनी के खिलाफ केंद्र सरकार को पत्र लिखा है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। 

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धोनी द्वारा आम्रपाली समूह के लिए विज्ञापन करने के मामले में  कैट ने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान से धोनी पर कार्रवाई करने की मांग की है। कैट द्वारा  पासवान को लिखे पत्र में कहा गया है कि उन्होंने विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को आम्रपाली परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने के लिए प्रभावित किया। कैट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ विभिन्न अनियमितताओं के लिए सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं और बिल्डर दोषी पाया है जिस कारण धोनी की भी इस पर जवाबदेही बनती है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि धोनी का विज्ञापन लोगों को मेहनत की कमाई इस परियोजनाओं में लगाने के लिए बढ़ावा देता है, जो अभी भी अपूर्ण हैं। कैट नेताओं ने मशहूर हस्तियों द्वारा भ्रामक विज्ञापनों से लोगों को बचाने के लिए केंद्रीय मंत्री पासवान से संसद के वर्तमान सत्र में उपभोक्ता सुरक्षा विधेयक पारित कराने की भी मांग की। 

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वहीं इस मामले में नेफोवा (आम्रपाली के फ्लैट खरीदारों की संस्था) ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को पत्र लिखकर धोनी और उनकी पत्नी साक्षी धोनी की कंपनियों की जांच कराने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में फोरेंसिक ऑडिटर्स का हवाला देते हुए यह मांग की है। फोरेंसिक ऑडिटर्स में धोनी की कंपनी से समझौता कर अवैध रूप से आम्रपाली ग्रुप द्वारा फ्लैट खरीदारों के रुपए अवैध तरीके से डायवर्ट करने की जानकारी है। नेफोवा के वकील एमएल लाहोटी का इस बारे में कहना है कि धोनी की पत्नी साक्षी ग्रुप की एक कंपनी की डायरेक्टर हैं इसलिए वह भी कंपनी की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि धोनी से संबंधित स्पोर्ट्स कंपनी का नाम भी ऑडिट में शामिल है। यह देखना होगा कि साक्षी धोनी और स्पोर्ट्स कंपनी की क्या भूमिका है। मामले की जांच अब ई़डी करने जा रही है।