करण सिंह, जलंधर: दुनिया के तेज तर्रार बॉलर ब्रेट ली अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय अस्पताल में एक अहम संदेश देने के लिए अाए। सुनने की क्षमता से वंचित बच्चों के इलाज़ के लिए अब वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन आगे आया है। इस संस्था के साथ जुड़ कर जाने माने बॉलर ब्रेट ली ने इन मासूम बच्चों के प्रति सभी को जागरूक होने का संदेश दिया है। इसी दौरान ब्रेट ली इस मौके पर एक सिख की दस्तार पहनकर प्रचार करते हुए नजर अाए।
ब्रेट ली इस संस्था के ब्रांड अमबेसडर बन कर लोगों को जागरूक करने के लिए आगे आए हैं, दरसल भारत में 34 लाख बच्चो में सुनने की क्षमता नहीं है इस बीच अब वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन इस बिमारी को दूर करने का काम कर रही है। ब्रेट ली अमृतसर के श्री गुरु राम दास अंतरराष्ट्रीय हस्पताल में गए जहाँ पर वह इस मुहीम का हिस्सा बने।
बच्चों की इस बिमारी को दूर करना है ब्रेट ली का मकसद
पत्रकारों से बात करते हुए ब्रेट ली का कहना है की भारत में उनका आने का सिर्फ एक ही मकसद है की सुनने की क्षमता से वंचित बच्चों को इस बीमारी से दूर किया जा सके और बचपन से ही इस कोक्लियर इम्प्लांट को किया जाए।
इसी दौरान ब्रेट ली ने कहा, उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है की अगर वह पैसे के माध्यम से मदद नहीं कर सकते हैं तो वह जागरूकता के माध्यम से मदद करें जिस से की बच्चों को बचाया जा सके अौर बच्चों का भविष्य उज्वल हो सके , साथ ही उन्होंने बाकी संस्थान से भी इस मुहीम में मदद आने की बात की है
ब्रेट ली ने मुहीम से जुड़ने का बताया कारण
ब्रेट ली का कहना है की उनके बच्चे को भी ऐसी ही समस्या हुई और उस के बाद से ही वह इस मुहीम से जुड़े हुए हैं।
इसलिए वह लोगों को भी जागरूक करने के लिए सामने अाए हैं, ताकि अौर भी लोग इस मदद से अपने बच्चों को ठीक कर सके।
मजाक में कही यह बात
इस बैठक के दौरान एक पत्रकार ने ब्रेट ली से पुछा कि "क्या कुछ एेसा है जो की अाप नहीं सुनना चाहते हो", "तो उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया कि जब वह एक खिलाड़ी के तौर पर बॉलिंग करते है तब अंपायर का नॉट आउट कहना उनको पसंद नहीं है", साथ ही उनका कहना है की वह आज 42 साल से भी ऊपर हो चुके हैं लेकिन आज भी वह 150 किलो मीटर की रफ़्तार से बॉलिंग कर सकते हैं।