स्पोर्ट्स डेस्क: क्रिकेट के इतिहास में जब भी टाॅप ऑलराउंडरों का जिक्र होगा तो इंग्लैंड के एंड्रयू फ्लिंटॉफ का नाम जुबां पर हमेशा रहेगा। अपने 11 साल के करियर में उन्होंने अपनी टीम में अहम भूमिका निभाई। 1977 में लंकाशायर में जन्में फ्लिंटाॅफ को क्रिकेट के अलावा बाॅक्सिंग से भी प्रेम था। उन्होंने संन्यास के बाद इसमें कदम रखा और अपनी पहली ही फाइट में विरोधी बाॅक्सर को बुरी तरह से पीटा था।
13 मिनट में किया था ढेर
फ्लिंटाॅफ ने पहली फाइट मैनचेस्टर सिटी में दिसंबर 2012 में लड़ी। टॉफ का पहला मुकाबला देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। फ्लिंटॉफ के सामने अमेरिकी मुक्केबाज रिचर्ड डॉसन थे। अमेरिकी मुक्केबाज की तुलना में छह फुट चार इंच के फ्लिंटॉफ दुबले पतले लेकिन ठोस दिख रहे थे।
मुकाबला शुरू होते ही आक्रमण की कमान फ्लिंटॉफ ने संभाली। क्रिकेट का महान ऑलराउंडर रह चुका खिलाड़ी शुरू से डॉसन के चेहर की तरफ मुक्के मारने की कोशिश करने लगा। पहले राउंड में ऐसा एक भी मौका नहीं आया जब फ्लिंटॉफ के कदम बचाव में पीछे हटे। हर बार डॉसन को पीछे हटना पड़ा। दूसरे राउंड में भी ज्यादातर वक्त फ्लिंटॉफ ही भारी पड़े, लेकिन एक बार अटैक के चक्कर में उनका संतुलन गड़बड़ाया। अमेरिकी मुक्केबाज ने मौके का भरपूर फायदा उठाया और फ्लिंटॉफ को नॉक आउट कर दिया। गश खाकर गिरे फ्लिंटॉफ फिर उठ खड़े हुए और चार राउंड तक चला 13 मिनट का मुकाबला 39-38 से जीत गए।
2010 में लिया था संन्यास
फ्लिंटाॅफ ने 1998 में टेस्ट रूप में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था आैर अप्रैल 2009 को आखिरी वनडे खेला। इसके बाद 2010 में संन्यास लेकर बाॅक्सिंग की ओर बढ़ गए। उन्होंने 79 टेस्ट में 31 के औसत से बनाए 3845 रन 226 विकेट निकाले। वहीं 141 वनडे में 3394 रनों के साथ 169 विकेट निकाले। इसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 19 रन देकर 5 विकेट रहा। इसके अलावा 7 टी20 मैचों में 5 विकेट इनके नाम हैं।