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नई दिल्ली : भारत के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने कहा है कि तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज वह हैं जिनके पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल होने के लिए गुस्सा और भूख दोनों हैं। सिराज के पास ऑस्ट्रेलिया का सफल दौरा था क्योंकि उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में 13 विकेट लेकर वापसी की थी जिसमें गाबा में चौथे टेस्ट में एक पांच विकेट भी शामिल था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला शुरू होने से पहले सिराज ने अपने पिता को खो दिया। लेकिन उन्होंने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में वापस रहने का फैसला किया।

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गेंदबाजी कोच भरत अरूण ने कहा कि जब मैंने उसे हैदराबाद में देखा। असल में तो मैंने उसे देखा जब मैं आरसीबी के साथ था और वह नेट बॉलर के रूप में आया था। उस समय मैंने जाकर वीवीएस लक्ष्मण को बताया कि यह युवा गेंदबाज वास्तव में अच्छी गेंदबाजी कर रहा है। मैंने उनसे पूछा कि वह अभी भी हैदराबाद के लिए नहीं खेला है? आप उसका सही इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने अपना सिर हिलाया, लेकिन उस साल वह ज्यादा नहीं खेल पाया। 

भरत अरूण ने कहा कि जब मैं हैदराबाद का कोच बना तो मैंने सिराज को फिर से बुलाया। वह तब भी संभावित खिलाड़ियों में नहीं थे। जब मैंने उन्हें फिर से गेंदबाजी करते हुए देखा, तो यह और भी प्रभावशाली था। मैंने सोचा कि यह उस गति और आक्रामकता के साथ गेंदबाजी कर रहा है जैसा मैंने नेट्स में देखा। मैंने उसे फिर से बुलाया तो उसके पास वही जुनून था, इरादे थे और उसने ठीक उसी तरह से गेंदबाजी की जैसा मैंने पहले देखा था। इसके बाद मैंने कहा कि इस युवा खिलाड़ी को जरूर खेलना चाहिए।

आगे सिराज की तारीफ करते हुए अरुण ने कहा कि सिराज के साथ एक और खास बात यह है कि अगर हम उसे कुछ करने के लिए कहेंगे, तो वह वही करेगा, जिस तरह से उसे कहा गया है। बेशक वह अपने खुद के प्रयोगों की कोशिश करेगा और जब वह ऐसा करता है तो उसे समझने के लिए मैं उस पर चिल्लाऊंगा। जब मैं भारतीय टीम में आया तो उसने मुझसे पूछा 'सर आप मुझे कब बुलाएंगे? वह चयनित हो गया और भारत के लिए कुछ मैच खेले सफेद- गेंद का प्रारूप। उसकी सबसे बड़ी ताकत उसका खुद पर भरोसा है। यही उसकी सबसे बड़ी सफलता है।