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कोलकाताः हरभजन सिंह का मानना है कि सेंचुरियन टेस्ट के लिए चयन प्रक्रिया पर आलोचना झेल रहे विराट कोहली का पूर्ण समर्थन किया जाना चाहिए क्योंकि कप्तान के तौर पर यह ‘उनका विदेश का पहला चुनौतीपूर्ण दौरा है। भारतीय टीम केपटाउन में 208 और सेंचुरियन में 287 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाजी आक्रमण के आगे चरमरा गई। जिससे वह तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-2 से पिछड़ रही है। 

कोहली ने दूसरे टेस्ट में भुवनेश्वर कुमार को टीम में शामिल नहीं किया जबकि इस तेज गेंदबाज ने केप टाउन में अच्छा प्रदर्शन किया था और अभी तक अंतिम एकादश में अजिंक्य रहाणे को शामिल नहीं किया है। हरभजन ने यहां सैयद मुश्ताक अली ट्राफी टी 20 टूर्नामेंट के लिए यहां पहुंचने के बाद कहा, ‘‘हर कोई सुधार करना चाहता है। इस समय टीम को समर्थन की जरूरत है। हम उम्मीद के अनुरूप नहीं खेले हैं। शायद अगली बार। यह सीखने के लिए अच्छी चीज है। उम्मीद है कि हम मजबूती से वापसी करेंगे। उन्हें एक दूसरे का समर्थन करने की जरूरत है।’’ कोहली के पास जहां मजबूत तेज गेंदबाजी आक्रमण है जिसमें उन्हें आफ स्पिनर आर अश्विन का पूरा समर्थन मिल रहा है लेकिन हरभजन ने भारतीय कप्तान की तुलना पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से करने से इनकार कर दिया। 

हरभजन ने कहा, ‘‘मैं तुलना नहीं करना चाहता। यह अलग दौर की बात है। हर बार हमने वहां का दौरा किया, हमारे पास जीतने का अच्छा मौका था। मैं अलग दौर की टीमों की तुलना नहीं करना चाहता। कोहली की धोनी से या फिर पूर्व खिलाडिय़ों जैसे राहुल द्रविड़, वीवीएस और सचिन से।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कप्तानी के साथ काफी जिम्मेदारी भी आती है। उसने अभी तक सचमुच काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। यह उसकी सही मायने में पहली विदेशी चुनौती थी। मैं श्रीलंका के दौरे को विदेश की चुनौती नहीं कहूंगा क्योंकि वहां के हालात भारत जैसे ही हैं।’’ गौरतलब है कि इससे पहले धोनी भी कोहली के समर्थन में उतरे थे। धोनी बोले कि, ‘‘आप भारत में खेले या विदेश में अगर आप 20 विकेट नहीं ले सकते तो आप टेस्ट मैच नहीं जीत सकते। बड़ा सकारात्मक पहलू यह है कि हम 20 विकेट ले रहे है। इसका मतलब यह हुआ कि हम हमेशा मैच जीतने की स्थिति में रहेंगे बस एक बार रन बनाना शुरू कर दें।’’