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नई दिल्ली : फुटबॉल खिलाड़ी बाईचुंग भूटिया ने शुक्रवार को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के आगामी चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया लेकिन इस पूर्व खिलाड़ी की राह आसान नहीं होगी क्योंकि राजनीतिक समर्थन वाले कई उम्मीदवार मैदान में हैं। पूर्व फुटबॉलर से राजनेता बने लोगों के अलावा राजनेता भी मैदान में हैं जो खेल प्रशासन में शामिल होना चाहते हैं। इसके अलावा लंबे समय से खेल प्रशासक की भूमिका निभा रहे लोग भी एआईएफएफ में शीर्ष पद पर काबिज होने की इच्छा रखते हैं। नामांकन दाखिल करने की समय सीमा शुक्रवार को खत्म हो गई। चुनाव 28 अगस्त को होने हैं।

 

पूर्व कप्तान भूटिया के नाम का प्रस्ताव राष्ट्रीय टीम के उनके साथी रहे दीपक मंडल ने रखा और ‘प्रतिष्ठित महिला खिलाड़ी’ मधु कुमारी ने उनका समर्थन किया। भूटिया की सफलता के लिए हालांकि यह जरूरी होगा कि मतदाता सूची से पूर्व खिलाड़ियों को बाहर नहीं किया जाए। खेल की वैश्विक संचालन संस्था फीफा के नियम पूर्व खिलाड़ियों को मतदाता के रूप में स्वीकृति नहीं देते। सोमवार को इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के बाद तस्वीर साफ होगी। भूटिया को सबसे बड़ी चुनौती मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के पूर्व गोलकीपर कल्याण चौबे से मिलेगी जो पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं।

 

भूटिया ने नामांकन भरकर कहा- मैंने प्रतिष्ठित खिलाड़ियों के प्रतिनिधि के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है। खिलाड़ियों को अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर मुझे उम्मीद है कि खिलाडिय़ों को भारतीय फुटबॉल की सेवा करने का मौका मिल सकता है। हम दिखाना चाहते हैं कि हम न केवल खिलाड़ियों के रूप में बल्कि प्रशासक के रूप में भी अच्छे हो सकते हैं।