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भुवनेश्वर : भारत के मुख्य कोच ग्राहम रीड ने मंगलवार को कहा कि उनकी गत चैंपियन टीम मलेशिया के खिलाफ मुकाबले से सीख लेगी और एफआईएच पुरुष जूनियर हॉकी विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में यूरोप की दिग्गज टीम बेल्जियम की कमजोरी का फायदा उठाने का प्रयास करेगी। भारत ने 2016 में लखनऊ में फाइनल में बेल्जियम को ही 2-1 से हराकर अपना दूसरा जूनियर विश्व कप खिताब जीता था।

तोक्यो ओलंपिक में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय सीनियर पुरुष हॉकी टीम का मार्गदर्शन करने वाले रीड ने कहा कि बुधवार को होने वाले मुकाबले में सफलता की कुंजी अपना नैसर्गिक खेल दिखाना होगी। इस आस्ट्रेलियाई कोच ने बेल्जियम के बारे में कहा कि आप देख सकते हैं कि डीएनए सीनियर टीम से आता है और उनकी सीनियर टीम दुनिया की नंबर एक टीम है।

उन्होंने कहा कि आपको कुछ कमजोरियां भी नजर आती हैं जिनका मलेशिया ने फायदा उठाया और हम भी ऐसा ही करने का प्रयास करेंगे। जो टीम मैदान पर अपना नैसर्गिक खेल खेलेगी वह विजेता बनेगी। मलेशिया ने शानदार रक्षात्मक खेल दिखाते हुए टूर्नामेंट के पूल चरण में बेल्जियम को 1-1 से बराबरी पर रोका। रीड ने हालांकि अपने खिलाड़ियों को चेताया कि अगर उन्हें लगातार दूसरा और कुल तीसरा जूनियर विश्व कप खिताब जीतना है तो आत्ममुग्धता से बचना होगा।

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह समस्या होनी चाहिए। हम फाइनल में उनके खिलाफ खेले थे। उनका (बेल्जियम) अच्छा प्रदर्शन करने का इतिहास रहा है। पिछले 10 साल में, बेल्जियम इस स्तर पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। स्ट्राइकर मनिंदर सिंह का पैर की मांसपेशियों में चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर होना भारत के लिए बड़ा झटका है। उनकी जगह बॉबी सिंह को टीम में शामिल किया गया है। मनिंदर टूर्नामेंट में अब तक भारत के लिए शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में शामिल रहे हैं और उन्होंने अग्रिम पंक्ति के लिए अच्छे मौके बनाए हैं।