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पालेमबंगः भारत के शीर्ष युगल खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने एशियाई खेलों में अपने पहले पदक जीतने को सुखद अहसास बताया है। बोपन्ना और दिविज शरण की शीर्ष वरीय जोड़ी ने 18वें एशियाई खेलों में शुक्रवार को टेनिस पुरूष युगल स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता। बोपन्ना का एशियाई खेलों में यह पहला पदक है। 

उन्होंने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, ''एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतना सुखद अहसास है। हमें खुशी है कि हमने चार वर्षाें के बाद जाकर फिर स्वर्ण पदक जीत लिया।'' भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ''मेेरी और दिविज की जोड़ी का तालमेल अच्छा रहा और हमने एक दूसरे के खेल को सराहा। यह हमारी सफलता का सबसे बड़ा राका रहा। कजाख जोड़ी ने हालांकि अच्छी चुनौती दी लेकिन हम जानते थे कि हम उनकी चुनौती को संभाल लेंगे। हम योजना के अनुसार खेले और खिताब जीते।'' 
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38 साल के बोपन्ना ने एशियाई खेलों से पहले अखिल भारतीय टेनिस संघ(एआईटीए) को पत्र लिखकर दिविज के साथ जोड़ी बनाने की अपनी इच्छा जाहिर की थी। इन खेलों में 45 साल के अनुभवी टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस भी भारतीय टीम में शामिल थे लेकिन उन्होंने सुमित नागल के साथ जोड़ी बनाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये खुद को इन खेलों से हटा लिया था। बोपन्ना ने अपने फैसले को सही साबित किया और दिविज के साथ खिताब जीता।