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नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने खिलाड़ियों की फिटनेस पर गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसमें कहा गया है कि अगर किसी टीम को लगता है कि कोई खिलाड़ी उचित फिटनेस के बिना टीम में शामिल हो गया है तो आईपीएल इस मामले पर फैसला करने के लिए एक स्वतंत्र डॉक्टर को नामित करेगा और उसका फैसला मान्य होगा। 

बीसीसीआई ने कहा कि किसी भी सीजन की शुरुआत से पहले या शुरुआत के बाद अगर कोई खिलाड़ी किसी फ्रेंचाइजी में शामिल होता है, तब अगर खिलाड़ी अनुबंध में मैच फिटनेस से संबंधित शर्तों को पूरा करने को लेकर फ्रेंचाइजी और उसके किसी भी खिलाड़ी के बीच विवाद होता है तो खिलाड़ी अनुबंध के अनुसार बीसीसीआई एक स्वतंत्र और उपयुक्त रूप से योग्य डॉक्टर को यह तय करने के लिए नामित करेगा कि क्या ऐसे खिलाड़ी की मैच फिटनेस उक्त शर्तों को पूरा करती है और इस संबंध में डॉक्टर का निर्णय अंतिम होगा, जिसे सबको मानना पड़ेगा। 

गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि अगर कोई फ्रेंचाइजी सीजन की शुरुआत में अपने किसी भी खिलाड़ी की फिटनेस के आकलन का अनुरोध नहीं करती है या कोई खिलाड़ी सीजन की शुरुआत के बाद फ्रेंचाइजी में शामिल होता है, तब ऐसा प्रत्येक खिलाड़ी इसके विपरीत स्पष्ट साक्ष्य के अभाव में मैच के लिए फिट माना जाएगा, जो इस तरह के आकलन को अनावश्यक बनाता है, जबकि स्पष्ट साक्ष्य होने पर एक खिलाड़ी और बीसीसीआई के बीच किसी भी विवाद का फैसला बीसीसीआई द्वारा नामित स्वतंत्र और उपयुक्त रूप से योग्य डॉक्टर द्वारा किया जाएगा।