Sports

नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी महिला उत्पीडऩ के खिलाफ चल रहे ‘मी टू’अभियान में नाम आने के बाद छुट्टी पर चले गए हैं जिसके बाद बोर्ड का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति (सीओए) उनकी जगह प्रबंधन के सारे कामकाज संभालेगी। गत सप्ताह एक अनजान महिला ने मी टू अभियान के तहत जौहरी के खिलाफ पुराने कथित यौन उत्पीडऩ के मामले का खुलासा किया था। जौहरी पर लगे इन आरोपों के बाद सीओए ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद(आईसीसी) की आगामी सीईओ की बैठक में भी बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व नहीं करने के निर्देश दे दिए थे।   

जौहरी से बीसीसीआई ने इस मामले में लिखित में स्पष्टीकरण मांगा है। जौहरी ने इस पूरे मामले में अब तक कोई सफाई नहीं दी है और न ही कोई बयान जारी किया है। उन्होंने मुंबई के बीसीसीआई के मुख्यालय का भी इन आरोपों के बाद से दौरा नहीं किया है।  जौहरी की अनुपस्थिति में सीओए की टीम ही बीसीसीआई के रोकााना के प्रबंधन को देखेगी। गत वर्ष जनवरी में सीओए की नियुक्ति के बाद से बीसीसीआई में जौहरी मुख्य रूप से बोर्ड का कामकाज देख रहे थे और मु्ख्य निर्णयकर्ता भी थे।   

हफ्ते में देना होगा जाैहरी को जवाब
Rahul Johri, #MeToo, BCCI, COA

सीओए के अध्यक्ष विनोद राय ने जौहरी पर लगे आरोपों को लेकर कहा कि वह नहीं चाहते कि यह मामला गलत तरीके से सुर्खियों में आए इसलिए उन्होंने सीईओ को अपना जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। उन्होंने कहा, ''यह एक अनजान व्यक्ति की शिकायत है। यह ट्विटर पर आयी है और यह उस समय की है जब जौहरी बीसीसीआई से जुड़े नहीं थे। यह उनके साथ न्यायपूर्ण नहीं होगा कि उन्हें अपनी बात रखने का मौका भी न दिया जाए।'' हालांकि इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता महिला ने अब तक खुद की पहचान नहीं की है और न ही आधिकारिक रूप से सीओए को इस बारे में लिखा है। ऐसे में बीसीसीआई के लिये भी यह मामला पेचीदा हो गया है।