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गोल्ड कोस्टः ओलंपिक रजत विजेता पीवी सिंधू, पूर्व नंबर एक सायना नेहवाल और देश के शीर्ष पुरुष खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत की मौजूदगी में भारत गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता में इस बार स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार के रूप में उतरेगा। भारत ने पिछले ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में बैडमिंटन प्रतियोगिता में एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य सहित चार पदक जीते थे। 

बैडमिंटन का स्वर्ण पदक परुपल्ली कश्यप ने पुरुष एकल में दिलाया था
भारत को बैडमिंटन का यह ऐतिहासिक स्वर्ण पदक परुपल्ली कश्यप ने पुरुष एकल में दिलाया था। गोल्ड कोस्ट में मिश्रित टीम मुकाबले गुरूवार से शुरू हो रहे हैं। भारत को कल श्रीलंका और पकिस्तान से भिडऩा है और भारत को ये दोनों मुकाबले जीतने में कोई परेशानी नहीं होगी। टीम मुकाबले नौ अप्रैल तक चलेंगे जबकि व्यक्तिगत मुकाबले 10 से 15 अप्रैल तक खेले जाएंगे। टीम मुकाबलों में भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती मलेशिया की रहेगी जिसने 2006, 2010 और 2014 में लगातार टीम स्वर्ण जीते हैं। लेकिन भारतीय टीम इस बार जितनी मजबूत दिखाई दे रही है उतनी पहले कभी नहीं दिखाई दी थी।  

भारत को मलेशिया के अलावा इंग्लैंड से भी चुनौती मिलेगी
पुरुष एकल में भारत का दारोमदार किदांबी श्रीकांत और एचएस प्रणय तथा महिला एकल में सिंधू और सायना पर रहेगा जबकि पुरुष युगल जोड़ी सात्विकसैराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी, महिला युगल जोड़ी अश्विनी पोन्नप्पा और एन सिक्की रेड्डी तथा और मिश्रित युगल में प्रणव जेरी चोपड़ा और सिक्की रेड्डी अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। भारत को मलेशिया के अलावा इंग्लैंड से भी चुनौती मिलेगी। भारत टॉप सीड होने के कारण ग्रुप ए में शीर्ष पर है और उसके ग्रुप में स्कॉटलैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका हैं जो विश्व बैडमिंटन के स्तर के लिहाज से भारत से काफी पीछे हैं। स्कॉटलैंड की टीम में सिर्फ विश्व की 16 वें नंबर की खिलाड़ी कस्र्टी गिलमूर के रूप में एकमात्र सशक्त खिलाड़ी है।  

मिश्रित टीम इवेंट सुदीरमन कप की तरह खेला जाता है जिसमें पुरुष और महिला एकल तथा युगल और मिश्रित युगल मैच होता है। दूसरी सीड मलेशिया के ग्रुप डी में कनाडा, सेशेल्स और घाना हैं जबकि सिंगापुर और इंग्लैंड ग्रुप बी और सी की अन्य मजबूत टीमें हैं।