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स्पोर्ट्स डेस्क : पाकिस्तान सुपर लीग का 7वां संस्करण अपने समापन के करीब है। हालांकि टूर्नामेंट में लोकप्रिय टीमों में से एक कराची किंग्स टूर्नामेंट की शुरुआत में ही बाहर हो गई। कराची दस मैचों में से रिकॉर्ड 9 मैच हारा और टीम काफी कमजोर नजर आई। लाहौर कलंदर्स के खिलाफ अपने अंतिम मैच में जीत से पहले टीम ने अपने पहले नौ गेम गंवाए।टीम के ऐसे प्रदर्शन पर कप्तान बाबर आजम की भी आलोचना हुई लेकिन पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ को लगता है कि टीम कमरोज थी। 

राशिद लतीफ ने कहा कि पहली बात यह है कि उन्हें मसौदे को गंभीरता से लेने की जरूरत है। मेरे विचार से कराची और क्वेटा दोनों ड्राफ्ट के दिन पेशेवर नहीं थे क्योंकि इसकी तैयारी एक महीने पहले शुरू हो जाती है। मेरी रणनीति इसी के इर्द-गिर्द घूमती है। पावरप्ले के लिए कितने हिटर, बीच के ओवरों में बल्लेबाज, कलाई के स्पिनर, दो गेंदबाज जो 140+ गेंदबाजी कर सकते हैं। 

कराची किंग्स के पूर्व निदेशक ने आगे कहा कि एक फ्रेंचाइजी की तुलना में राष्ट्रीय समय में कप्तानी करना दो पूरी तरह से अलग चीजें हैं। उनका मानना ​​है कि एक कप्तान कितना भी मजबूत क्यों न हो, अगर उसके पास कमजोर टीम है तो उसके लिए सफल होना मुश्किल है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को पीएसएल में अपने कप्तान के परिणामों के बारे में ज्यादा चिंतित नहीं होना चाहिए और सोशल मीडिया पर आजम के नेतृत्व कौशल पर हालिया बहस के मद्देनजर उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। 

उन्होंने कहा कि मैं बाबर की कप्तानी पर कुछ नहीं कहूंगा क्योंकि यह काफी कमजोर टीम थी और यह ड्राफ्ट के दिन स्पष्ट था। एक प्रवृत्ति शुरू हो जाती है और विशेष रूप से सोशल मीडिया अन्य फ्रेंचाइजी कप्तानों के साथ तुलना करते हुए सवाल उठाना शुरू कर देता है। हां इतने मैच हारने का दबाव होगा लेकिन मेरा समर्थन बाबर के साथ है। अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी नतीजे अच्छे नहीं रहे तो पीसीबी को घबराने की जरूरत नहीं है और चीजें सुचारू रूप से चलनी चाहिए। आजम की कप्तानी में 4 मार्च से रावलपिंडी में तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होगा।