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नई दिल्ली : क्रिकेट विश्व कप फाइनल में ओवरथ्रो को लेकर हुआ विवाद अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। एडिलेड के मैदान पर पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट के दौरान भी ऐसी घटना सामने आई जिसने एक बार फिर से ओवरथ्रो नियम पर सभी की नजरें वापस ला दीं। दरअसल ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के 24 ओवर में डेविड वार्नर की फिफ्टी तब बनी थी जब गेंद उनके बल्ले से लगकर ओवरथ्रो होकर बाऊंड्री की ओर निकल गई थी।

अब अगर यहां क्रिकेट विश्व कप के बाद संशोधित हुआ रूल लागू होता तो बल्लेबाज के खाते में पांच रन जुडऩे थे लेकिन वार्नर छह रन बनाकर अपनी फिफ्टी पूरे कर गए। हालांकि बाद में विशेषज्ञों ने कहा कि क्रिकेट के नियमों के अनुसार यह नया मामला सामने आया है। इस मामले में वार्नर और लाबुशाने जब पिच पर एक-दूसरे को क्रॉस कर चुके थे तब गेंद तेज गेंदबाज अफरीदी के हाथ से हल्की टच होकर निकली थी। अब ऐसे मामले में नियम 19.8 इसे फील्डर द्वारा जान बूझकर किया गया कार्य मानता है। लिहायजा वार्नर को छह ही रन दे दिए गए।

क्रिकेट विश्व कप के दौरान ऐसे डिसीजन के लिए अंपायर कुमार धर्मसेना की खूब निंदा हुई थी। धर्मसेना ने तब कहा था कि कई बार ऐसी कॉल्स को रोक पाना प्रैक्टिल नहीं होता। ऑन फील्ड अंपायर के पास आऊट का डिसीजन रैफल करने या किसी अन्य बात पर थर्ड अंपायर से मदद ली जा सकती है। लेकिन कई बार ऐसे मामलों में क्विक डिसीजन लेने पड़ते हैं। ऐसे मामलों में इसपर नजर नहीं रहती कि गेंद गेंदबाज को तो टच करके नहीं गई या बल्लेबाजों ने एक-दूसरे को क्रॉस कर लिया था या नहीं। धर्मसेना ने ऐसे मामलों से निपटने के लिए वीडियो रैफरल को सही बताया था।

बहरहाल, ऑस्ट्रेलिया की टीम पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट में मजबूत स्थिति में पहुंच गई है। बारिश से प्रभावित मैच के पहले दिन ही डेविड वार्नर ने 166 तो लाबुशाने ने 126 रन बना लिए हैं। ऑस्ट्रेलिया 73 ओवरों में 302 रन बना चुका है जबकि उसके हाथ में नौ विकेट बाकी हैं।