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पालेमबांगः एशियाई खेलों के लिए इंडोनेशिया पहुंचे भारत और दूसरे देशों के खिलाडिय़ों को यहां खेल गांव में अलग-अलग तरह का खाना मिलने से खुशी तो है लेकिन उन्हें रहने के लिए मिले छोटे कमरे से थोड़ी शिकायत है। एक भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ यहां के कमरे छोटे है। हर कमरे में तीन बिस्तर और एक बाथरूम है। अगर यहां थोड़ी और जगह होती तो अच्छा होता। आप थोड़ा असहज महसूस करते हैं, पर इससे ज्यादा परेशानी नहीं। यह सभी खिलाडिय़ों के लिए एक समान हैं।’’          

जापान की महिला टेनिस टीम के कोच फुरूशो दाइजिरो ने कहा कि अगर कमरे थोड़े बड़े होते तो अच्छा होता। उन्होंने कहा, ‘‘ हां, कमरे थोड़े छोटे है लेकिन ठीक है। यह सबके लिए एक समान है। एशियाई खेलों और ओलंपिक जैसे बहु स्पर्धा वाले खेलों के आयोजन की यही खूबसूरती होती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ यहां परोसे जाने वाला खाना मुझे पसंद आ रहा है। उनके पास इंडोनेशिया और वैश्विक व्यंजनों का अच्छा विकल्प है। ’’ यहां खिलाडिय़ों के लिए भारतीय व्यंजन का भी विकल्प है जिससे खिलाड़ी खुश है।          

एक भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ एक खिलाड़ी के तौर पर आपको हर तरह के खाने के लिए तैयार रहना होता है लेकिन भारतीय खाने का विकल्प हमेशा अच्छा रहता है। कभी कभी आप सिर्फ भूख को शांत करना चाहते है। इसलिए खाने को लेकर कोई शिकायत नहीं है। पालेमबांग स्थित खेल गांव में निशानेबाजों, नौकायान और टेनिस खिलाडिय़ा का दल आया है। जकार्ता स्थित खेल गांव हालांकि इससे बड़ा हैं। यह पहली बार है जब एशियाई खेलों का आयोजन दो शहरों में हो रहा है।