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ढाका : सेमीफाइनल में जगह पक्की करने के बाद गत चैम्पियन भारत रविवार को यहां एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी पुरुष हॉकी टूर्नामेंट के अपने आखिरी राउंड रोबिन मैच में रविवार को जब जापान के खिलाफ मैदान में उतरेगा तो टीम की कोशिश जीत के क्रम जारी रखने की होगी। टूर्नामेंट की धीमी शुरुआत के बाद ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारत ने लगातार दो जीत के साथ पांच टीमों के टूर्नामेंट में लय हासिल कर ली। 

ओलंपिक के ऐतिहासिक अभियान के बाद अपना पहला टूर्नामेंट खेल रही भारतीय टीम को शुरुआती मैच में कोरिया ने 2-2 से बराबरी पर रोक दिया। टीम ने इसके बाद हालांकि शानदार वापसी की और मेजबान बांग्लादेश को 9-0 से रौंदने के बाद शुक्रवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 3-1 से हरा दिया। भारत तीन मैचों में सात अंक के साथ तालिका में शीर्ष स्थान पर है। कोरिया (पांच) दूसरे, जापान (दो) तीसरे और पाकिस्तान (एक) के साथ चौथे स्थान पर है।

टूर्नामेंट में खिताब के दावेदार के तौर पर आयी भारतीय टीम अपनी मौजूदा लय और विश्व रैंकिंग के मामले में अन्य टीमों से काफी आगे है। कोरिया ने हालांकि शुरुआती मैच में उसकी दो गोल की बढ़त को खत्म कर मैच को बराबरी पर रोक दिया था। कोरिया के खिलाफ मैच भारतीयों के लिए एक तरह से चेतावनी की तरह था। टीम बांग्लादेश के खिलाफ पूरी तरह से अलग दिखी और मैच के 60 मिनट तक मैदान में उसका दबदबा कायम रहा। 

पड़ोसी पाकिस्तान के खिलाफ मैच के करीबी मुकाबला होने की उम्मीद थी और आखिरी दो क्वार्टर में ऐसा ही हुआ। इस मैच में भारत के दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान पहले दो क्वार्टर में पेनल्टी कार्नर हासिल करना तो दूर गोल पर एक भी शॉट लगाने में कामयाब नहीं रहा। पाकिस्तान ने हालांकि आखिरी दो क्वार्टर में वापसी की और इसमें अंतिम 15 मिनट में उसने काफी बेहतर प्रदर्शन किया और भारत को कड़ी टक्कर दी।

ललित उपाध्याय, आकाशदीप सिंह और दिलप्रीत सिंह ने भारतीय अग्रिम पंक्ति में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है तो वही मिडफील्ड को कप्तान मनप्रीत सिंह और रक्षापंक्ति को उप-कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने मजबूती दी है। इन सबके के साथ भारत के युवा गोलकीपर सूरज करकेरा ने अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया। उन्होंने खासकर पाकिस्तान को कई मौकों पर गोल करने से रोक कर भारत की बढ़त को बनाये रखने में मदद की। 

हाल के मैचों के रिकॉर्ड को देखे तो जापान के खिलाफ भारत का पलड़ा भारी रहेगा। भारत ने तोक्यो ओलंपिक में दोनों टीमों के बीच हुए पिछले मुकाबले में  उसे 5-3 से हराया था। अंतरराष्ट्रीय हॉकी में हालांकि रिकॉर्ड और रैंकिंग मायने नहीं रखते है क्योंकि मैदान में एक बुरा दिन  पिछली सारी मेहनत को खराब कर सकता है।