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जालन्धर : जब दिग्गज क्रिकेटर विराट कोहली भारतीय टैस्ट टीम के कप्तान बने हैं। स्पिनर रविचंद्रन अश्विन दोगुणे खतरनाक हो गए हैं। दरअसल, अश्विन के नाम पर विराट कोहली की कप्तानी में सिर्फ 34 मैचों में 200 विकेट निकालने का रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। वैसे ओवरऑल अश्विन के नाम पर 59* मैचों में 322 विकेट दर्ज है। 
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ऐसे में अगर आंकलन करें तो कोहली की कप्तानी के अंदर आते ही अश्विन दो गुणी रफ्तार से विकेट झटक रहे हैं। यानी अश्विन ने पहले 122 विकेट 25 मैचों में निकाले थे। इसके बाद लगभग दोगुणी रफ्तार पकडऩे ही इस आंकड़े को 318 कर दिया। यह सब तभी हुआ जब कोहली भारतीय टीम के कप्तान बने।
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वैसे इस लिस्ट में अभी भी श्रीलंका के मुथैय्या मुरलीधन नंबर वन है। सनथ जयसूर्या की कप्तानी में खेलते हुए मुरलीधरन ने महज 30 मैचों में ही 200 विकेट पूरे कर लिए थे। वहीं, रिकी पोंटिंग के कप्तान में शेन वार्न तो कोहली की कप्तानी में अश्विन ने यह टारगेट 34 मैचों में हासिल किया। 

लैफ्ट हैडेड भाते हैं अश्विन को
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अश्विन अपने करियर में 322 विकेट निकाल चुके हैं। इनमें 51.24 फीसदी यानी 165 विकेट लैफ्ट हैडेंड बल्लेबाजों के हैं। बता दें कि इस लिस्ट में श्रीलंका के दिलरुवान परेरा दूसरे नंबर पर हैं। उन्होंने अपने 125 में से 64 बार लैफ्टी बल्लेबाजों को आऊट किया है। उनका औसत 51.20 फीसदी बनता है। पाकिस्तान के मोहम्मद आमिर भी 49.53 की औसत से लैफ्ट हैडेड बल्लेबाजों का शिकार करते हैं।