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विंबलडन : एंडी मर्रे जब विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट में चार साल में अपना पहला मैच खेलने के लिये उतरे तो दर्शकों ने आसमान सिर पर उठा दिया। मर्रे मुस्कराये और उन्होंने दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। दर्शक तब खुशी में चिल्लाने लगे जब मर्रे ने पहले दौर के मैच में 24वीं वरीयता प्राप्त निकोलोज बासिलाशविली के खिलाफ पहला सेटा जीता। मर्रे की दूसरे सेट में जीत के बाद तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। लग रहा था कि मर्रे तीसरे सेट में ही हिसाब बराबर कर देंगे। 

दर्शक उनका पूरा हौसला बढ़ा रहे थे। लेकिन अचानक ही मर्रे की मुश्किलें बढ़ गयी। मर्रे ने दो मैच प्वाइंट गंवा दिये और फिर तीसरा सेट भी उनके हाथ से चला गया। दर्शक आशंकित हो गए। आखिर वह मर्रे ही थे जिन्होंने 2013 में विंबलडन जीतकर 77 साल में आल इंग्लैंड क्लब में खिताब जीतने वाले पहले ब्रिटिश खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल किया था। वह 2016 में फिर से यहां चैंपियन बने थे लेकिन इसके बाद कूल्हे के दो आपरेशन और अन्य चोटों के कारण उनका करियर अधर में लटक गया था। मर्रे ने चौथे सेट में बढ़त बनायी तो उनके प्रशंसकों का दिल बल्लियों उछलने लगा। 

इस 34 वर्षीय खिलाड़ी ने उन्हें निराश नहीं किया और बासिलाशविली को 6-4, 6-3, 5-7, 6-3 से हराकर सेंटर कोर्ट को शोर के आगोश में भेज दिया। दर्शकों के शोर में ‘डेसीबल' (शोर की तीव्रता नापने की इकाई) की सुई फड़फड़ा रही थी। मर्रे के कोर्ट पर चल रहे साक्षात्कार में इससे व्यवधान पड़ना स्वाभाविक था लेकिन खिलाड़ी भी खुश था और दर्शक भी। 

मर्रे ने कहा कि मुझसे पूछा जाता है कि क्या यह मेरा आखिरी विंबलडन होगा। क्या मेरा आखिरी मैच होगा। मुझे नहीं पता कि मुझसे ऐसा क्यों पूछा जाता है। मैं खेलना जारी रखना चाहता हूं। मैं खेलना चाहता हूं। शोर की तीव्रता जब चरम पर पहुंच गयी तो मर्रे को भी रुकना पड़ा। शोर कुछ कम हुआ तो मर्रे ने अपनी आवाज थोड़ा बुलंद की। मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं। मैं अब भी शीर्ष स्तर पर खेल सकता हूं। वह विश्व रैंकिंग में 28वें नंबर का खिलाड़ी है और मैंने बमुश्किल ही कोई मैच खेला। और मैंने उसे हरा दिया।

मर्रे कभी विश्व में नंबर एक खिलाड़ी थे लेकिन अभी उनकी विश्व रैंकिंग 118 है। उन्होंने तीन महीने तक किसी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया था। वह सत्र का अपना छठा मैच खेल रहे थे जो कि बासिलाशविली से 30 मैच कम हैं। उन्होंने कहा कि मैं कोर्ट पर नहीं उतर पा रहा था। मैं काफी निराश था लेकिन मैंने कड़ी मेहनत जारी रखी। मैंने वह सब कुछ किया जो वापसी के लिये आवश्यक था। मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे फिर से ऐसा करने का मौका मिला।