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जालन्धर (जसमीत सिंह): ब्रॉन्ज से शुरू, ब्रॉन्ज पर खत्म। भारतीय हॉकी का 2017 का सफर भी ठीक ऐसा ही रहा। अप्रैल में मलेशिया में हुए सुलतान अजलान शाह कप में भारत तीसरे स्थान पर रहा। इसके बाद जर्मनी से लेकर हॉलैंड तक से हुए मुकाबलों में उम्मीद मुताबिक सफलता नहीं मिली। ऊपर से टीम के मिडफील्डर सरदार सिंह टीम से बाहर कर दिए गए। बावजूद इसके मनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय खिलाडिय़ों ने ढाका में हुआ एशिया कप जीता। इस टीम में ज्यादातर प्लेयर्स जूनियर टीम से लिए गए थे। प्लेयर्स ने जीतकर भारतीय हॉकी के उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद भी जगाई है। वूमैन हॉकी में बेलारूस के खिलाफ जीत से शुरूआत करने वाली लड़कियों ने जापान में हुए एशिया कप में जीत के साथ ही अपना सफर शुरू किया। हालांकि बाद में उन्हें भी कनाडा, न्यूजीलैंड और एच.डब्ल्यू.एल. सैमीफाइनल में उम्मीद मुताबिक सफलता नहीं मिली, लेकिन भारत पहली बार टॉप-10 में जरूर आ गया।

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मुम्बई के कङ्क्षलगा स्टेडियम में हॉकी वल्र्ड लीग के तहत भारत और अर्जेंटीना के बीच सैमीफाइनल मैच खेला जा रहा था तभी बारिश शुरू हो गई, लेकिन बड़ी बात यह रही कि मैच को रोका नहीं गया। दर्शक भी स्टेडियम से नहीं हिले। किसी ने छाते से तो किसी ने जैकेट से खुद को ढंका लेकिन मैच छोड़कर नहीं गए। भारतीय टीम चाहे मैच हार गई लेकिन दर्शकों ने उत्साह बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

मैंस हॉकी का प्रदर्शन
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थर्ड : सुलतान अजलान शाह कप मलेशिया (अप्रैल)
थर्ड : जर्मनी में त्रिकोणीय सीरिज     (जून)
छठा : यू.के. में एच.डब्ल्यू.एल. दौरान।    (जून)
हार : बैल्जियम से टैस्ट सीरीज 2-0 हारे।    (अगस्त)
ड्रा : हॉलैंड से टैस्ट सीरीज 1-1 से ड्रा    (अगस्त)
जीत : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-0 से जीते ।    (अगस्त)
गोल्ड : ढाका एशिया कप।    (अक्तूबर)
ब्रॉन्ज : हॉकी वर्ल्ड लीग।     (दिसंबर)

वूमैन हॉकी का प्रदर्शन
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जीत : बेलारूस से 5-0 से टैस्ट सीरीज जीती (मार्च)
हार : कनाडा से ड्रा, चिली से हार    (मार्च)
हार : न्यूजीलैंड से 5-0 से टैस्ट सीरीज गंवाई (मई)
8वां : एच.डब्ल्यू.एल. सैमीफाइनल्स    (जुलाई)
गोल्ड : एशिया कप (जापान)    (अक्तूबर)

इन्होंने चौंकाया
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* अजलान शाह कप में गोलकीपर और कप्तान पी.आर. श्रीजेश चोटिल हो गए। वह अभी तक वापसी नहीं कर पाए हैं।
* मिडफील्डर सरदार सिंह को टीम में नहीं चुना गया। मनप्रीत सिंह कप्तान बनाए गए। उन्होंने एशिया कप जीता।

दो अच्छी बातें
1 वूमैन हॉकी का शीर्ष रैंकिंग में पहुंचना : 1566 अंकों के साथ भारतीय पुरुष हॉकी टीम जहां छठे स्थान पर काबिज है। वहीं महिला हॉकी में टीम 1040 प्वाइंट के साथ 10वें स्थान पर बनी हुई है। टीम इंडिया लंबे समय बाद टॉप-10 में पहुंची है। एशिया कप जीतना टीम के लिए फायदेमंद रहा।
2 यंग प्लेयर्स ने खुद को साबित किया : मजबूत टीम नीदरलैंड के खिलाफ दिग्गज हॉकी खिलाडिय़ों की बजाय 9 जूनियर खिलाडिय़ों को मौका दिया गया। इससे कोच ओल्टमैंस खफा हो गए, लेकिन जूनियर खिलाडिय़ों ने खुद को साबित किया और नीदरलैंड को 2 बार हराकर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया।

उम्मीद
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2018 का हॉकी वर्ल्ड कप इस साल भुवनेश्वर में 28 नवम्बर से खेला जाएगा। इससे पहले 2010 में नई दिल्ली और 1982 में बंबई (अब मुम्बई) में वर्ल्ड कप हुआ था। 1971 से लेकर 1973 तक के वर्ल्ड कप को छोड़ दें तो भारतीय टीम कभी 5वें स्थान से ऊपर नहीं आई है।

2018 के बड़े मुकाबले
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एशिया कप : इंडोनेशिया के जकार्ता में खेला जाएगा। 2014 में इंडिया ने गोल्ड जीता था।
कॉमनवैल्थ गेम्स : ऑस्ट्रेलिया में होगा। इससे पहले 2014 गलास्गो में भारत दूसरे नंबर पर रहा था।