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कोलकाता: अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ ( एआईएफएफ ) ने आई - लीग चैम्पियन मिनेर्वा पंजाब एफसी के मालिक रंजीत बजाज को नस्लवादी टिप्पणी करने का ‘ दोषी ’ पाए जाने के बाद आज उन्हें सभी तरह की फुटबाल गतिविधियों से एक साल के लिए निलंबित कर दिया और उन पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। एआईएफएफ की अनुशासनात्मक समिति ने आज कहा कि बजाज ने एक साल के अंदर चौथी बार नियमों को तोड़ा है। पिछला मामला मिनेर्वा अंडर -18 युवा लीग के प्लेऑफ मैच के दौरान हुआ। ऐ जल एफसी के खिलाफ 12 अप्रैल को शिलांग के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुआ यह मैच 1-1 से ड्रा रहा था।

अनुशासनात्मक समिति की 11 पेज की रिपोर्ट पीटीआई के पास है, जिसमें कहा गया है , ‘‘ समिति बजाज को गंभीर उल्लंघनों का दोषी मानती है और उनपर 12 महीने का प्रतिबंध लगाती है। ’’ प्रतिबंध के दौरान बजाज एआईएफएफ से जुड़ी किसी भी फुटबाल गतिविधि में शामिल नहीं हो सकते है जिसमें टूर्नामेंट के दौरान स्टेडियम में प्रवेश पर रोक भी शामिल है। इसके अलावा उन पर 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है जिसे 10 दिनों के अंदर जमा करना होगा। जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर एक साल के बाद भी उन पर प्रतिबंध बरकरार रहेगा।

मैच कमिश्नर बिश्वजीत मित्रा ने भी अनुशासनात्मक समिति को सौंपी गई रिपोर्ट में बजाज की नस्लीय टिप्पणी का जिक्र किया है। बजाज ने हालांकि इन आरोपों को खारिज किया है। अनुशासनात्मक समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘ बजाज का आचरण किसी हुड़दंगी की तरह था। उन्होंने कई बार उपद्रव मचाया और मैच अधिकारियों के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।’’