नई दिल्ली : भारतीय लीजैंड बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को लगता है कि भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम विश्व कप में जीत सकती थी अगर वह अपने एग्रैशन पर काबू रखती। भारतीय टीम के खिलाडिय़ों ने बांगलादेश के खिलाफ खेले गए फाइनल मुकाबले में कई बार आक्रमक रुख दिखाया था। भारतीय स्पिनर रवि बिश्नोई तो इस दौरान शााब्दिक जाल में भी उलझ गए थे। सचिन ने कहा- भारतीय खिलाडिय़ों ने फाइनल में जिस तरह का रवैया दिखाया वह ठीक नहीं था।
सचिन ने कहा- कोई केवल व्यक्तियों को पढ़ाने का प्रयास कर सकता है, लेकिन फिर बहुत कुछ व्यक्ति के चरित्र पर निर्भर करता है। हमें कुछ परिस्थितियों को नियंत्रित करने में सक्षम होना चाहिए। यह नहीं भूलना चाहिए कि पूरी दुनिया आपको देख रही है। आपको कुछ बातों का पालन करना होता है। मैच दौरान आक्रामक होने की जरूरत होती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप मुखर हो जाए और कहें आप आक्रामक हैं।
सचिन बोले- यहां हर कोई आक्रामक है। अगर कोई कुछ नहीं कहता है या अगर कोई कुछ नहीं करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह आक्रामक नहीं है। हम सभी बाहर जाकर जीतना चाहते हैं। ऐसा करने की एक विधि है। आप लाइन पार नहीं कर सकते।
बता दें कि फाइनल मैच के दौरान बांगलादेश और भारत के प्लेयर आपस में उलझ गए थे। यह देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी ने बांगलादेश के तीन खिलाडिय़ों- तौहीद ह्रदॉय, शमीम हुसैन और रकीबुल हसन और भारत के दो खिलाडिय़ों- आकाश सिंह और रवि बिश्नोई को पांच खिलाडिय़ों को कड़ी चेतावनी दी थी।