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स्पोर्ट्स डेस्क: महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने करोड़ों रुपये का भुगतान नहीं होने के कारण स्पार्टन स्पोर्ट्स के साथ नाता तोड़ दिया है। तेंदुलकर इस कंपनी में निवेशक और सलाहकार बोर्ड के सदस्य थे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ढेरों रिकाॅर्ड अपने नाम करने वाले 45 साल के तेंदुलकर ने सिडनी स्थित इस कंपनी के साथ 2016 में करार किया था। भारतीय उद्योगपति कुणाल शर्मा इस कंपनी के सह संस्थापक थे।
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कंपनी ने तेंदुलकर के अलावा भारत के विश्व कप विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, वेस्टइंडीज के आक्रामक सलामी बल्लेबाज क्रिस गेल और इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन सहित खेल के अन्य बड़े नामों के साथ भी करार किया था। आस्ट्रेलिया की एक अदालत ने हाल में इस खेल पोशाक और उपकरण बनाने वाली कंपनी को बेचने का आदेश दिया था जिसका स्पार्टन स्पोर्ट्स के साथ खिलाडिय़ों के जुड़ाव पर असर पड़ सकता था।

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विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि कंपनी के भुगतान करने में नाकाम रहने के कारण कुछ क्रिकेटरों को वित्तीय नुकसान का सामना करना पड़ा। सूत्र ने कहा, ‘यह भारत और अन्य एशियाई देशों में खेल सामान बनाने के व्यवसाय में कंपनी की प्रगति को रोक देगा। स्पार्टन के साथ नाता तोडऩे वालों में वह (तेंदुलकर) पहला बड़ा नाम है जबकि धोनी और मिशेल जाॅनसन जैसे खिलाड़ी कानूनी कार्रवाई की धमकी दे चुके हैं या कार्रवाई कर रहे हैं।’ स्पार्टन स्पोर्ट्स का करदाताओं पर 60 करोड़ रुपए बकाया है और अगर बिक्री की प्रक्रिया शुरू होती है तो खिलाडिय़ों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने इस कंपनी के साथ बल्ला प्रायोजन करार किया था लेकिन अपने करियर के अंतिम चरण में स्पार्टन के लोगो का इस्तेमाल करना बंद कर दिया जबकि जाॅनसन ने इसके खिलाफ मामला दर्ज कराया।