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पेरिस : दुनिया की दूसरी रैंकिंग की महिला टेनिस खिलाड़ी नाओमी ओसाका ने फ्रेंच ओपन से नाम वापस लेते हुए कहा कि उन्हें मीडिया से बात करने से पहले ‘तनाव का सामना' करना पड़ता है जिसकी वजह से उन्होंने ‘लंबे समय तक अवसाद' का सामना किया है। जापान की 23 साल की इस खिलाड़ी ने फ्रेंच ओपन शुरू होने से पहले कहा था कि वह मैच के बाद होने वाले संवाददाता सम्मेलन में नहीं जाएंगी। उन्हें चारों ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों से अतिरिक्त सजा भुगतने के लिए तैयार रहने को कहा गया था जिसमें निलंबन और अयोग्य करार देने का जिक्र था।

फ्रेंच ओपन टूर्नामेंट के पहले दौर के मुकाबले को जीतने के बाद उन्होंने ऐसा ही किया। उनकी इस हरकत पर 15,000 डॉलर का जुर्माना लगते हुए भविष्य में ऐसा करने पर कड़ी सजा भुगतने की चेतावनी दी थी। उन्होंने बताया कि वह ऐसा इसलिए कर रही हैं क्योंकि हार के बाद सवालों का जवाब देने समय उन्हें मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ता है और इससे खुद की काबिलियत पर शक होने लगता है। ओसाका ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि वह कि वह 2018 में हुए यूएस ओपन से ही मानसिक तनाव से लड़ रही हैं।

उन्होंने कहा कि मैं कभी भी मानसिक स्वास्थ्य को हल्के में नहीं लूंगी। टूर्नामेंट, दूसरे खिलाड़ियों और मेरी भलाई इसी में है कि मैं इस से हट जाऊं. ताकि एक बार फिर से सभी लोग पेरिस में चल रहे टेनिस पर ध्यान दे सकें। मैं कभी भी रूकावट नहीं बनना चाहती थी और मानती हूं कि ऐसा करने का यह सही समय नहीं था। मेरा संदेश और भी स्पष्ट हो सकता था। टूर्नामेंट से उनके हटने के बाद फ्रेंच टेनिस संघ के अध्यक्ष जाइल्स मोरेट्टोने कहा कि सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण हमें नाओमी ओसाका के लिए खेद और दुख है। नाओमी का रोलां गैरो से हटना निराशाजनक होगा।