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भुवनेश्वर : भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने टोक्यो ओलंपिक 2020 में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीत का श्रेय टीम की एकता को दिया है। मनप्रीत ने बुधवार को एक बयान में कहा कि ओलंपिक में हमारी सफलता के पीछे टीम की एकता सबसे बड़े कारणों में से एक थी। ओलंपिक में सबसे बड़ी सकारात्मक बात यह थी कि हम एक टीम के रूप में बहुत करीब आ गए थे और इसने सच में ओलंपिक के दौरान हमारी मदद की। 

खिलाड़ियों के बीच ऐसा विश्वास बन गया था, जिसने टीम के माहौल को बहुत सकारात्मक बना दिया और इसने हमें मैदान पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित किया। कप्तान ने उतार-चढ़ाव से भरे इस यादगार वर्ष के बारे में कहा कि 2021 बेशक चुनौतियों और उतार-चढ़ाव से भरा था, लेकिन जिस तरह से हमने ओलंपिक गौरव को वापस लाने के लिए हर बाधा को पार किया, उस पर मुझे बहुत गर्व है। यह सच है कि 2021 भारतीय हॉकी के लिए एक नया सवेरा लेकर आया है। यह एक ड्रीम ईयर रहा है। 

29 वर्षीय मनप्रीत ने कहा कि यह चार नहीं, बल्कि पांच साल की कड़ी मेहनत थी। हमने शिविर में पूरा एक साल बिताया, जीवन के नए मानदंडों के अनुकूल होने की कोशिश में हमारी पूरी जीवनशैली बदल गई है, हमने बायो-बबल में जीवन जीना शुरू कर दिया है, इसलिए निश्चित रूप से यह कहूंगा कि मैदान के बाहर भी काफी चुनौतियां थीं। 

उल्लेखनीय है कि टोक्यो ओलंपिक खेलों 2020 में ऐतिहासिक कांस्य पदक जीत के बाद भारतीय टीम ढाका में हाल ही में संपन्न एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2021 में एक रोमांचक मैच में चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 4-3 से हराकर तीसरे स्थान पर रही थी। इसके अलावा एफआईएच द्वारा हाल ही में घोषित विश्व रैंकिंग में भारत को तीसरा स्थान मिला है, जो 2003 में रैंकिंग की शुरूआत के बाद से भारत की सर्वोच्च रैंकिंग है। 

कप्तान ने इस बारे में कहा कि हमने अपने प्रशंसकों से वादा किया है कि हम उन्हें फिर से गौरवान्वित करने के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे। हमारा लक्ष्य स्पष्ट रूप से इस पदक का रंग बदलना है और हम यह भी जानते हैं कि इसे करने के लिए क्या करना होगा। हमने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के साथ नए चक्र की शुरुआत की है। अब हमें यहां से सुधार करते रहना होगा। हमारे पास आगे एक चुनौतीपूर्ण शेड्यूल है और हम इसके लिए तैयार हैं।