प्रकाश आंबेडकर का विवादित बयान- 'जब राष्ट्रगान है तो राष्ट्रगीत की जरूरत क्या?

Edited By Yaspal,Updated: 23 Oct, 2018 07:58 PM

the controversial statement of prakash ambedkar

भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष एडवोकेट और डॉ. भीमराव अांबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने वंदे मातरम पर विवादित बयान दिया है...

नेशनल डेस्कः भारिप बहुजन महासंघ के अध्यक्ष एडवोकेट और डॉ. भीमराव अांबेडकर के पोते प्रकाश आंबेडकर ने वंदे मातरम पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग वंदे मातरम बोलते हैं। वे राष्ट्र विरोधी (एंटी इंडियन) हैं। आंबेडकर ने कहा कि जब राष्ट्रगान (जन गण मन) के होते हुए भी "वंदे मारतरम"  की क्या जरूरत है।

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बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर ने कहा, जन गण मन राष्ट्रगान है, न कि वंदे मातरम। जब आधिकारिक राष्ट्रगान मौजूद है। तो किसी दूसरी चीज की किया जरूरत। वंदे मातरम गाने वालों को भारतीय और नहीं गाने वाले गैर भारतीय हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट देने वाले "वो" कौन होते हैं।


दरअसल, कुछ समय पहले असुदुद्दीन ओवैसी समेत कई मुस्लिम नेताओं ने इसे ना गाने की जिद पकड़ी हुई थी। उन मुस्लिम नेताओं का तर्क है कि राष्ट्रगीत वंदेमातरम एक धर्म विशेष के हिसाब से भारतीय राष्ट्रवाद को परिभाषित करता है और इस गीत में धार्मिक पहलू भी है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, प्रकाश आंबेडकर ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में उसुदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के साथ गठबंधन किया है। इसी मुद्दे पर जब पत्रकारों ने अंबेडकर से इस गठबंधन पर सवाल किए कि ओवैसी तो राष्ट्रगान का विरोध करते हैं तो ऐसे में उनका विवाद पर क्या कहना है। इसी सवाल के जवाब में प्रकाश अंबेडकर ने बयान देते हुए इस पर असदुद्दीन ओवैसी के हां में हां मिला दी।

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