केंद्रीय मंत्री बोले- जल्द से जल्द सुलझाया जाए राम मंदिर मुद्दा, दोस्ताना हल चाहते हैं मुसलमान

Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Nov, 2018 03:31 PM

ram temple to be resolved soon seek friendly solution muslims naqvi

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि राम मंदिर मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आम मुसलमान में सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने वाली ‘टकराव की भावना’ नहीं होती।

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को कहा कि राम मंदिर मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आम मुसलमान में सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने वाली ‘टकराव की भावना’ नहीं होती। बहरहाल, अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की कई भाजपा नेताओं की मांग के बीच नकवी ने प्रतीक्षा करो और देखो’’ की नीति अपनाने की अपील की और कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कुछ नहीं कहा है। नकवी ने एक इंटरव्यू में कहा कि सरकार का जो रुख होगा, वही मेरा भी रुख होगा। सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कुछ नहीं कहा है।

उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जल्द से जल्द सुलझाया जाना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि इस विवादित मुद्दे को मुस्लिम समुदाय किस तरह देखता है, इस पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहाकि एक आम मुसलमान अमन-चैन और दोस्ताना हल चाहता है। एक आम मुसलमान में सामाजिक एकता को नुकसान पहुंचाने वाली टकराव की भावना नहीं होती। मंदिर के मुद्दे पर मुस्लिमों की तरफ से कोई प्रतिकूल बयान नहीं आने के बारे में पूछे जाने पर नकवी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय बहुत ही शांतिप्रिय समुदाय है। वह खुद को किसी विध्वंसक एजेंडा में शामिल नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि कुछ लोग, कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने हित के लिए लोगों को उकसाने की कोशिश कर सकती हैं।

लिहाजा, लोगों को लगता है कि इसका शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए और यह (मामला) खत्म होना चाहिए। नकवी ने विपक्ष के इस दावे को खारिज कर दिया कि भाजपा और इसके हिंदुत्ववादी सहयोगी अगले साल के लोकसभा चुनावों से पहले जानबूझकर राम मंदिर का मुद्दा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला लंबे समय से अदालत में लंबित है और इससे जुड़े संगठनों को लगा था कि रोजाना सुनवाई होगी और मामले का समाधान जल्द हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं होने के कारण वे अपनी मांगें रख रहे हैं। नकवी ने कहा कि लोगों की अपनी भावनाएं हैं और एक लोकतंत्र में उनकी अभिव्यक्ति पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते। यह सिर्फ संयोग है कि चुनावों से पहले यह हुआ। वरना, यह तो पुराना मुद्दा है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भी राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के घोषणा-पत्र में शामिल था।

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