Edited By Yaspal,Updated: 17 Jul, 2018 02:10 AM
दूरसंचार नियामक ट्राई ने सोमवार को कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में में व्यक्तिगत जानकारी के संरक्षण को लेकर वर्तमान नियम पर्याप्त नहीं है।
नई दिल्लीः दूरसंचार नियामक ट्राई ने सोमवार को कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में में व्यक्तिगत जानकारी के संरक्षण को लेकर वर्तमान नियम पर्याप्त नहीं है। ट्राई ने सुझाव दिया है कि उपभोक्ताओं को अपनी निजता की रक्षा के लिए चयन के विकल्प, उपयोग की सहमति या असममति देने तथा संबंधित जानकारी भूला दिए जाने का अधिकार होना चाहिए।
दूरसंचार नेटवर्क में निजी जानकारी को लेकर निजता की सुरक्षा तथा उसपर हक को लेकर कई उपायों की सिफारिश की है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कहा कि ग्राहक अपने से संबद्ध जानकारी के मालिक हैं और जो इकाइयां इसका नियंत्रण , प्रसंस्करण कर रही हैं , वे केवल उसकी संरक्षक हैं और उनका उस जानकारी पर कोई प्राथमिक अधिकार नहीं है। ट्राई ने दूरसंचार विभाग को दी सिफारिश में कहा, ‘‘चयन का विकल्प, सहमति, ‘डेटा पोर्टेबिलिटी’ तथा जानकारी हटाने का अधिकार दूरंसचार ग्राहकों को मिलना चाहिए।’’
नियामक ने कहा कि डिजिटल सेवाओं के उपयोगकर्ताओं को पर्याप्त विकल्प सुनिश्चित करने के लिये सेवा प्रदाताओं द्वारा व्यवस्था बनायी जानी चाहिए। ट्राई ने सुझाव दिया है कि दूरसंचार परिचालक समेत डिजिटल व्यवस्था में सभी इकाइयों को आंकड़ों में सेंध के बारे में सूचना का खुलासा पारदर्शी तरीके से अपनी वेबसाइट पर करना चाहिए। साथ ही उन्हें इससे निपटने तथा भविष्य में इस प्रकार की चीजें रोकने के लिये कदम उठाने चाहिए। नियामक ने यह सिफारिश ऐसे समय की है जब खासकर मोबाइल एप और सोशल मीडिया मंचों पर उपयोगकर्ताओं से जुड़ी जानकारी के संदर्भ में निजता तथा सुरक्षा की चिंता बढ़ी है।
ट्राई ने कहा, ‘‘सरकार को आंकड़ों के मालिकाना हक , संरक्षण और निजता से जुड़ी दूरसंचार उपभोक्ता शिकायतों के समाधान के लिये व्यवस्था बनानी चाहिए।’’