Edited By Tanuja,Updated: 23 Feb, 2019 06:00 PM
पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की इमरान सरकार की पोल वहां के मीडिया ने ही खोल दी है। आतंकी संगठनों की मौजूदगी को लेकर पाकिस्तान के ...
इस्लामाबादः पुलवामा आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान की इमरान सरकार की पोल वहां के मीडिया ने ही खोल दी है। आतंकी संगठनों की मौजूदगी को लेकर पाकिस्तान के प्रतिष्ठित अखबार डॉन ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि जमात-उद-दावा पर बैन लगाना ही काफी नहीं है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। गौरतलब है कि पाक पुलवामा हमले की साजिश अपनी धरती पर रचे जाने से अब तक इनकार करता रहा है लेकिन पाकिस्तान के प्रतिष्ठित अखबार डॉन ने उसके दावों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।
डॉन ने अपने संपादकीय में लिखा कि देश के सैन्य और नागरिक नेतृत्व की ओर से जमात-उद-दावा और उसके चैरिटी संगठन पर बैन लगाने के फैसला अद्भुत है। अखबार ने लिखा कि निसंदेह जमात-उद-दावा लश्कर-ए-तैयबा का नया अवतार है और उन आतंकी संगठनों में से एक है, जो पाक की धरती पर फल-फूल रहे हैं। इसके साथ ही अखबार ने लिखा कि जमात-उद-दावा पर सिर्फ प्रतिबंध लगाने का ऐलान करना ही काफी नहीं है। यदि सरकार के पास उसके आतंकवाद में शामिल होने को लेकर सबूत हैं तो तथ्यों के साथ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जमात के नेतृत्व को सजा दिलाई जा सके।
अखबार ने साफ शब्दों में लिखा कि बीते दो दशकों में कई बार ऐसा हुआ है, जब आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया, लेकिन वे जल्दी ही नए नाम से फिर वापस आ गए। हिंसा का ढांचा एक बार फिर से शुरू हो गया। अखबार ने लिखा, '2002 में मुशर्रफ के दौर में आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाए गए, लेकिन इसका भी कुछ खास असर नहीं हो सका और वे फिर सक्रिय हो गए।'