रिलायंस डिफेंस के चयन में सरकार की नहीं कोई भूमिका: रक्षा मंत्रालय

Edited By vasudha,Updated: 22 Sep, 2018 06:27 PM

no role of government in selection of reliance defense

राफेल विमान सौदे को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद के खुलासे के बाद राजनीति गरमा गई है। जिसे लेकर रक्षा मंत्रालय ने एक बार फिर सफाई देते हुए कहा कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है और इस मामले में बेवजह...

नेशनल डेस्क: राफेल विमान सौदे को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद के खुलासे के बाद राजनीति गरमा गई है। जिसे लेकर रक्षा मंत्रालय ने एक बार फिर सफाई देते हुए कहा कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है और इस मामले में बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है। ओलांद के अनुसार राफेल सौदे के ऑफसेट समझौते में रिलायंस डिफेंस इन्डस्ट्रीज को साझेदार बनाने का प्रस्ताव भारत का था और विमान निर्माता कंपनी डसॉल्ट एविएशन के पास रिलायंस के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
 PunjabKesari

बेवजय ​विवाद किया जा रहा पैदा 
रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि ऑफसेट समझौते में उसने किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं किया है और ओलांद के बयान से संबंधित रिपोर्ट की सच्चाई का पता लगाया जा रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा इस मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर करारा निशाना साधे जाने के बाद रक्षा मंत्रालय ने एक बार फिर दोहराया कि ऑफसेट समझौते में भारतीय साझेदार चुनने में सरकार की कोई भूमिका नहीं रही और यह विमान निर्माता फ्रांसीसी कंपनी का ही निर्णय है। 

PunjabKesari
मंत्रालय ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि रिलायंस डिफेंस और डसाल्ट एविएशन के बीच संयुक्त उपक्रम गत वर्ष फरवरी में अस्तित्व में आया। यह दो निजी कंपनियों के बीच वाणिज्यिक व्यवस्था होती है। संयोग से फरवरी 2012 में आई मीडिया रिपोर्ट इस बात का संकेेत देती हैं कि संयुक्त प्रगितशील गठबंधन सरकार के समय 126 बहुउद्देशीय विमानों की खरीद की प्रतिस्पर्धा में जैसे ही राफेल सबसे कम कीमत वाला विमान चुना गया उसके दो सप्ताह के भीतर ही डसाल्ट एविएशन ने रिलायंस इन्डस्ट्रीज के साथ रक्षा क्षेत्र में साझेदारी की थी। 
PunjabKesari
मंत्रालय पहले भी दे चुका है सफाई
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ओलांद के बयान को लेकर बेवजह का विवाद खड़ा किया जा रहा है। इस बयान को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखे जाने की जरूरत है, फ्रांसीसी मीडिया ने पूर्व राष्ट्रपति से संबंधित लोगों के हितों के टकराव का मुद्दा भी उठाया है। उसके बाद आये वक्तव्य भी इस संबंध में प्रासंगिक हैं। सरकार पहले भी कह चुकी है और दोहरा रही है कि रिलायंस डिफेंस को ऑफसेट साझेदार चुने जाने में उसकी कोई भूमिका नहीं है। 
 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!